शिमला, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून के धीमे पड़ने से बारिश का दौर थमा हुआ है। पिछले दो-तीन दिनों में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक आगामी 24 घण्टों में मानसून के रफ्तार पकड़ने से बारिश का सिलसिला शुरू होगा। 25 से 30 अगस्त तक गरज-चमक के साथ बादलों के बरसने की संभावना जताई गई है। मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 27 व 28 अगस्त को भारी वर्षा के मद्देनजर लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। साथ में हिदायत दी गई है कि भूस्खलन संभावित इलाकों की यात्रा करने से बचें और नदी-नालों से दूरी बनाए रखें।
प्रदेश में पिछले दिनों मूसलाधार वर्षा की वजह से जगह-जगह हुए भूस्खलन से कई सड़कें अवरुद्ध हो गई थीं। इनका बहाली कार्य तेजी से चल रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शनिवार सुबह तक प्रदेश भर में 73 सड़कें भूस्खलन से बंद हैं। शिमला जिला में 35, मंडी में 20, कांगड़ा में नौ, कुल्लू में छह, किन्नौर में दो और ऊना में एक सड़क अवरुद्ध है। बिलासपुर, हमीरपुर, चम्बा, लाहौल स्पीति, सिरमौर और सोलन जिलों में सभी सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए खुली हैं। इसी तरह राज्य के सभी राष्ट्रीय उच्च मार्गों व राज्य उच्च मार्गों पर भी यातायात सुचारू रूप से चल रहा है। भारी वर्षा से पूरे प्रदेश में 53 ट्रांसफार्मर भी खराब पड़े हैं। इनमें मंडी में 41, कुल्लू में छह, किन्नौर में चार और चम्बा में दो बिजली ट्रांसफार्मर शामिल हैं। इसके अलावा ठप पड़ी सभी पेयजल स्कीमों को भी बहाल कर लिया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घण्टे नंगल डैम में सर्वाधिक 34, पालमपुर में 26, ऊना में 17, ओलिंडा में 14, कोटखाई में 11, धर्मशाला में 10, मनाली व रोहड़ू में आठ-आठ और रामपुर में छह मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है।
मानसून से 1212 करोड़ का नुकसान
अगस्त महीने में सामान्य से अधिक बरसात होने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। प्रदेश में मानसून से अब तक 1212 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। लोकनिर्माण विभाग में सबसे ज्यादा 552 करोड़ और जलशक्ति विभाग में 488 करोड़ की क्षति हुई है। मानसून सीजन के पिछले 57 दिनों में बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की 88 घटनाएं सामने आई हैं। इनमें 34 लोगों की मौत हुई और 33 लापता हैं। पांच लोग चोटिल हुए हैं। इन घटनाओं में 121 घरों को नुकसान पहुंचा, जिनमें 83 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। इसके अलावा 17 दुकानें और 23 पशुशालाएँ धराशायी हुईं। इन घटनाओं में 149 मवेशी भी मारे गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा पाश