
रांची, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड की राजधानी रांची सहित विभिन्नस जिलों में शनिवार को तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस दौरान सुहागिन महिलाओं ने दिनभर उपवास रखकर शाम में चुनरी सहित विभिन्न प्रकार के श्रृंगार प्रसाधनों से विधिपूर्वक माता तुलसी की पूजा-अर्चना की और अखंड सौभाग्य की प्रार्थना की।
वहीं रांची के कांके रोड स्थित तिरुपति अपार्टमेंट में झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त महामंत्री संजय सर्राफ के आवास पर देवउठनी एकादशी एवं तुलसी विवाह का आयोजन श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सर्राफ परिवार के सदस्य सहित अपार्टमेंट के कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
इस पावन अवसर पर अनुराधा सर्राफ ने पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ एकादशी का व्रत रखा। दिनभर व्रत उपवास कर उन्होंने संध्या के समय पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना, आरती और भोग अर्पित किया।
तुलसी माता के पौधे को चुनरी, नारियल, फूल-माला, दीपक और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। वातावरण में भक्ति और उत्साह का अद्भुत समावेश देखने को मिला। पूजन के बाद श्री विष्णु भगवान की आरती की गई और तुलसी विवाह का शुभ आयोजन सम्पन्न हुआ। तुलसी माता का विवाह शालिग्राम रूपी भगवान विष्णु से वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कराया गया। पूजा के दौरान शंख, घंटी और जय जय तुलसी माता और ओम नमो भगवते वासुदेवाय की गूंज से सम्पूर्ण वातावरण आध्यात्मिक बना रहा।
उल्लेखनीय है कि देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं। इसी दिन से शुभ कार्य, विवाह समारोह और धार्मिक आयोजनों का शुभारंभ होगा। तुलसी विवाह का आयोजन वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मंगल का प्रतीक है। यह विवाह भगवान विष्णु और माता तुलसी के पवित्र मिलन का प्रतीक है जो भक्ति, प्रेम और धर्म के प्रति समर्पण की भावना को दर्शाता है।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak