

देशभक्ति और प्यार की रचनाएं रहीं अधिक
बाराबंकी, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में चल रहे महादेवा महोत्सव के सांस्कृतिक पांडाल में बुधवार दोपहर स्थानीय कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भरपूर आनंदित किया कवियों ने प्रख्यात अवधी कवि स्व गुरु प्रसाद सिंह मृगेश जी को भी कविताओं से याद किया। कवि शर्मेश शर्मा के संचालन में आयाेजित इस कवि सम्मेलन की शुुरुआत सरस्वती वंदना से हुई।
कवि सम्मेलन में कवि गोपाल त्रिपाठी राधेय ने पढ़ा- वो जो दरबार में बुलाएंगे,फिर वो किस्मत को भी चमकाएंगे, कवि मनोज मिश्रा ने पढ़ा — मेला महादेवा का लगा बड़ा भारी तो लोग आनंदित हो उठे। हरिहर दत्त ने आओ साथ साथ चले बनके सच्चे यार और कवियत्री जान्हवी ओझा ने नाश तम का जो कर देता कविता पढ़ी।
सुधाकर दीक्षित मृदुल ने गर्दा उड़ा रे गठबंधन का बिहार पर कविता सुनाई ताे श्राेताओं काे बिहार की राजनीति याद आ गई। अयोध्या अवस्थी ने कब्बो पूजा औ पाठ करो मन से सुनाई ; इसी प्रकार सुधा सिंह ने माता कैकई के थे दुलारे प्रभु,प्रसिद्ध कवि प्रमोद पंकज ने लोक गीत गंऊआ की माटी अनमोल ,ठाकुर जी ठाकुर जी श्यामा रही बोल, कवि रोहित सरफिरा ने सुनाया दुनिया में प्यार का भरोसा नहीं करना, झूठ मूठ दीदार का भरोसा नहीं करना। शिवेश राजा ने वीर रस में पढ़ा ताे लाेग वाह वाह किए बिना नहीं रह पाए जबकि जगन्नाथ दीक्षित निर्दोष ने पढ़ा जब लरिका पहिन लीन खादी तव पढ़ाई को करिहै,जब डाक्टर भए आतंकवादी दवाई कौन करिहै तो खूब सराही गई और आतंकवाद पर गहरी चाेट की।
सम्मेलन में कवि नागेंद्र सिंह, विशाल मिश्रा, सुनील झंझटी, उपेंद्र सिंह नादान, लता श्रीवास्तव, आकाश उमंग, मुकेश मिश्रा, राज सिंह, मगन बिहारी , हर्ष , अवनेंद्र शिवराजी सहित अन्य कई कवियों ने बेहतरीन काव्य पाठ किया। इस अवसर पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल, नायब तहसीलदार विजय तिवारी, प्रमुख प्रतिनिधि शेखर हयारण, पूर्व प्रमुख आशीष सिंह सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / पंकज कुमार चतुवेर्दी