जबलपुर, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । शहर में मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आम नागरिकों को इलाज मुहैया कराने की बातें तो बहुत होती हैं, मगर हकीकत में इलाज व्यवस्था कैसी है, कचरे और जमीन पर पड़े इन बेजान जिस्मों को देखकर समझी जा सकती है। ये वो लोग हैं जिन्हें अस्पताल की जमीन तो नसीब हुई, परंतु इलाज नसीब नहीं हुआ। सेठ गोविंददास जिला चिकित्सालय (विक्टोरिया) में करोड़ों का कायाकल्प चल रहा है। वहाँ जरूरतमंदों को इलाज के नाम पर दवा तक नसीब नहीं हो पा रही है। मीडिया द्वारा इन बदनसीबों की टोह ली तो मानवता को झकझोर देने वाले दृश्य देखने को मिले। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के आधार पर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग की मुख्य पीठ भोपाल में प्रकरण पर सुनवाई करते हुए, अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर, जबलपुर के कलेक्टर एवं सीएमएचओ से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक / राजू विश्वकर्मा