मंडी, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मंडी एवं बिलासपुर जिलों में स्थित किरतपुर-नेरचौक फोर लेन परियोजना की स्थिति तथा अवैध कटाई एवं खनन संबंधी शिकायतों पर एनजीटी के निर्देशों की अनुपालना करते हुए उपायुक्त मंडी एवं बिलासपुर की ओर से संयुक्त समिति की रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें शिकायतकर्ता अश्विनी कुमार सैनी बनाम राज्य हिमाचल प्रदेश एवं अन्य की शिकायतों पर गौर करते हुए जांच की गई 7 जांच रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय हरित अधिकरण एनजीटी के आदेशानुसार गठित संयुक्त समिति द्वारा दिनांक 9 एवं 10 अप्रैल 2024 को जिला बिलासपुर तथा जिला मंडी में राष्ट्रीय राजमार्ग-21 किरतपुर–नेरचौक खंड का संयुक्त निरीक्षण किया गया।
यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार से दिनांक 21.03.2013 को प्राप्त पर्यावरण स्वीकृति के आधार पर क्रियान्वित की गई है। जिसकी कुल लंबाई 78.28 किमी 30.53 किमी ब्राउनफील्ड तथा 47.75 किमी ग्रीनफील्ड) है। परियोजना का कार्य पूर्ण कर 5 सितंबर 2023 को जनता हेतु संचालित कर दिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार निरीक्षण के दौरान फो लेन परियोजना क्षेत्र राइट ऑफ वे के भीतर किसी भी प्रकार का अवैध खनन या असंगत पहाड़ी कटान नहीं पाया गया। हालांकि, कुछ निजी भू-खंडों पर सीमित खुदाई कार्य पाए गए, जो निजी व्यावसायिक या आवासीय प्रयोजनों हेतु किए जा रहे थे। संबंधित उपमंडलाधिकारियों द्वारा ऐसे कार्य तुरंत रोक दिए गए तथा नियमानुसार कार्रवाई की गई। रिपोर्ट मेंया है कि एनएचएआई ने स्पष्ट किया है कि परियोजना क्षेत्र के बाहर किसी भी प्रकार की कटाई नहीं की गई है। निर्माण कार्य के दौरान उत्पन्न लगभग 4,00,000 घन मीटर अतिरिक्त मलबा पर्यावरण स्वीकृति की शर्तों के अनुसार, भूमि स्वामियों की सहमति से निजी भू-खंडों में समुचित रूप से निस्तारित किया गया। इसके अलावा परियोजना को लेकर आवश्यक स्वीकृतियां हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त की गई हैं।
वहीं पर जिला बिलासपुर एवं मंडी प्रशासन द्वारा समस्त उपमंडलाधिकारियों को भविष्य में पहाड़ी कटान एवं मलबा निस्तारण की निगरानी के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है। परियोजना पूर्ण होने के उपरांत किसी भी प्रकार की अवैध खुदाई या खनन की सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा