Haryana

जींद : भाजपा समाज में घोलना चाहती है नफरत का जहर, जिसमें नहीं होने देंगे कामयाब : बृजेंद्र सिंह

ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बृजेंद्र सिंह

जींद, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उचाना हलके में सद्भाव यात्रा के दूसरे दिन की शुरूआत कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने गुरूवार को उचाना मंडी से की। शहर के रजबाहा रोड पर सुरेंद्र गर्ग के प्रतिष्ठान पर उनका व्यापारियों, कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। यहां से वो उचाना मंडी, उचाना कलां से होते हुए उचाना खुर्द के लिए निकले। दूसरे दिन पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी पद यात्रा का हिस्सा बने और यात्रा में बढ़चढ़ कर भाग लेने की बात कही।

पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में सदभाव यात्रा की चर्चा है। भाजपा जो समाज में जहर खोलना चाहती है उसमें भाजपा को कामयाब नहीं होंगे देंगे। 2024 के जो चुनाव हुए थे लोगों ने अपना मन भाजपा को हराने का मन बना रखा था लेकिन जो परिणाम आए वो उसके विपरित आए। चुनाव में भाजपा का एजेंडा समाज को आपस में बांटने का था जिसमें भाजपा को कामयाबी मिली।

इसका बहुत बड़ा कारण ये था कि जमीनी स्तर पर कांग्रेस मुकाबला नहीं कर पाई क्योंकि संगठन की कमी थी। संगठन के अभाव की वजह से जमीनी स्तर पर भाजपा का मुकाबला नहीं हुआ। उचाना में जो हुआ वो सबको पता है। जिसको सत्ता से हटाना चाहते थे उनको जीतवा कर क्या पा लिया। पूर्व सांसद ने कहा कि एक पक्षी की तरह अब उड़ान भरूंगा उस रास्ते पर अब चला हॅूं। हर हलके में पूरा उत्साह दिखाई दे रहा है। जो हम बात लेकर सदभाव की लोगों के बीच लेकर जा रहे है उसका असर लोगों पर नजर आ रहा है।

अब कोई चुनाव नहीं है, फसल का सीजन है फिर भी आम जनमानस, कार्यकर्ता कार्यक्रमों में पहुंच रहे है। लोगों को ये बात समझ में आने लगी है कि वोट की राजनीति के लिए भाईचारा नहीं बिगडऩा चाहिए। कांग्रेस को मजबूती देंगे जो प्रदेश हित में है। बृजेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा को कांग्रेस की चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसकी चिंता हम और लोग अपने आप कर लेंगे। भाजपा समाज में नफरत घोलना चाह रही है,उससे वो गुरेज करें तो सबके लिए बेहतर होगा। इस बार लगता है कि महागठबंधन को पूर्ण बहुत मिलेगा। कांग्रेस, भाजपा के कल्चर में बहुत अंतर है इसलिए भाजपा को छोड़ा। वहां विचार की अभिव्यक्ति के लिए कोई खाता नहीं है। कांग्रेस खुले विचार, खुले मन की पार्टी की है।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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