Madhya Pradesh

युवा शक्ति के लिए अपनी जड़ों से जुड़ाव जरूरीः पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत

युवा शक्ति के लिए अपनी जड़ों से जुड़ाव जरूरीः पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत

भोपाल, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । अपनी जड़ों की पहचान युवाओं के लिए जरूरी है। अगर हम विकसित भारत बनना चाहते हैं तो युवाओं का अपने समाज और उसकी व्यवस्थाओं को समझना जरूरी है। अपनी संस्कृति और सभ्यता की जड़ों को पकड़ने से युवाओं को समस्याओं को हल करने में मदद मिलती है। उपरोक्त कथन भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने सोमवार को लेखक दिनेश मालवीय की पुस्तक Clouded Religious Wisdom के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किये।

वे बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

रावत ने कहा कि हमारे व्यक्तित्व की जड़ें अगर मजबूत नहीं होंगी तो हम एक सफल व्यक्ति नहीं बन सकते। पहले संयुक्त परिवार होते थे जिनमें बुजुर्ग लोग अध्ययन करते थे और ज्ञान का प्रसार बच्चों तक होता था। आज युवा सफल हैं, करियर और दूसरे क्षेत्रों में वे आगे बढ़ रहे हैं लेकिन उनको अपनी जड़ों का भान होना आवश्यक है। हमें अपनी गलतियों को पहचानने, उन्हें सुधारने के लिए पुस्तकें बहुत जरूरी हैं। विकसित भारत-2047 के लिए हमारे युवाओं को अपनी जड़ों की पहचान होना जरूरी है। रावत ने कहा कि यह पुस्तक हमें बताती है कि सही मार्ग पर चलते हुए आपको कोई भी शक्ति अपने पथ से विचलित नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के लेखक मालवीय जी ने इस पुस्तक में तारतम्यता रखी है। यह एक बहुत ही पठनीय पुस्तक है। यह एक ऐसी पुस्तक है जिसे पढ़कर हम एकांत में चिंतन कर सकते हैं। अगर आपकी जड़ें मजबूत होंगी तो आपके समाज पर किसी भी तरह की समस्या होगी तो आप उससे आसानी से उबर सकते हैं।

एमसीयू के नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग के सभागार में आयोजित इस आयोजन के आरंभ में कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। पुस्तक पर बात करते हुए कुलगुरू ने कहा कि भारत की शक्ति को समझने के लिए इस तरह की पुस्तकों की आवश्यकता है। लेखक नेयुवा पी़ढ़ी के महत्वपूर्ण मुद्दों को इस पुस्तक में उठाया है।

उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय में यह किताब आई है जब हमारे युवाओं के समक्ष बहुत बड़ी चुनौतियां भी हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और युवाओं से कुलगुरू ने कहा कि समाज और सिस्टम में हो रहे गलत कामों के खिलाफ खड़ा होने के लिए पहले उसे समझें। तभी किसी भी समस्या का बेहतर ढंग से समाधान खोजा जा सकता है।

इसके बाद अपनी पुस्तक Clouded Religious Wisdom के बारे में दिनेश मालवीय ने कहा कि उन्होंने यह पुस्तक युवाओं और किशोरों को ध्यान में रखकर लिखी। युवा अपने धर्म के बारे में जानना चाहते हैं। अक्सर कहा जाता है कि हमारे पुराने ग्रंथों में बहुत सी बाते ऐसी हैं जो आज प्रासंगिक नहीं हैं लेकिन उनमें कई ज्ञानवर्धक प्रसंग हैं जो अब भी समसामयिक हैं। हमारे युवा अपने विवेक के साथ ग्रंथों का अध्ययन करें। प्राचीन ग्रंथों को जरूर पढ़ें।

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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा