Uttar Pradesh

डीडीयू में खुलेगा इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्यूनिकेशन

गोरखपुर, 21 नवम्बर (Udaipur Kiran) । उत्कृष्ट अनुसंधान और शैक्षणिक उपलब्धियों के चलते विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग फ्रेमवर्क में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद अब दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय डिजिटल शिक्षा, शोध, संचार एवं नवाचार के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन स्थापित करने जा रहा है।

यह इंस्टीट्यूट आधुनिक पत्रकारिता के विभिन्न स्वरूपों पर केंद्रित अनेक नए पाठ्यक्रमों को संचालित करने के साथ साथ एक डिजिटल मीडिया लैब से सुसज्जित भी होगा। इस परियोजना का प्रारूप लगभग तैयार है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन का मानना है कि यह पहल गोरखपुर विश्वविद्यालय को डिजिटल शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में एक मज़बूत पहचान देगी। यह लैब छात्रों और शिक्षकों को वीडियो, पॉडकास्ट और ऑनलाइन कोर्स बनाने में मदद करेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने रुसा एवं मेरु योजनाओं से प्राप्त अनुदान से इसके लिए 70 लाख रुपए की राशि आवंटित की है।

नई लैब विश्वविद्यालय को डिजिटल ज़माने के लिए तैयार करेगी और नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत पढ़ाई के आधुनिक तरीकों को बढ़ावा देगी। इससे न सिर्फ विश्वविद्यालय की पहचान बढ़ेगी, बल्कि छात्रों को रोज़गार के लिए ज़रूरी मीडिया और टेक्नोलॉजी के कौशल भी मिलेंगे।

इसके अलावा, लैब में नई टेक्नोलॉजी जैसे वर्चुअल रियलिटी (AR/VR) के साथ पढ़ाई करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके कंटेंट बनाने की सुविधा भी होगी। यह लैब विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों और खबरों को सोशल मीडिया और लाइव-स्ट्रीमिंग के ज़रिए दुनिया तक पहुँचाने में भी मदद करेगी।

–लैब में क्या-क्या खास

रिकॉर्डिंग स्टूडियो: यहाँ लेक्चर, इंटरव्यू और वेबिनार रिकॉर्ड किए जा सकते हैं।

ग्रीन स्क्रीन: खास वर्चुअल बैकग्राउंड के साथ वीडियो बनाने के लिए।

वॉयस रिकॉर्डिंग: अच्छी क्वालिटी की वॉयसओवर और नरेशन रिकॉर्ड करने के लिए अलग से बूथ।

एडिटिंग रूम: प्रोफेशनल तरीके से वीडियो, ऑडियो और ग्राफिक्स को एडिट करने की सुविधा।

ऑनलाइन शिक्षण केंद्र: MOOC और SWAYAM जैसे ऑनलाइन कोर्स बनाने और क्लासरूम सिस्टम (LMS) से जोड़ने की व्यवस्था।

यह मीडिया लैब हमारे छात्रों को इंडस्ट्री के लिए तैयार करेगी। यहाँ उन्हें वर्तमान में प्रचलित मीडिया टूल्स पर काम करने का मौका मिलेगा। इससे हमारी शिक्षा की क्वालिटी बेहतर होगी और हमें NAAC/NIRF जैसी रैंकिंग में भी फायदा मिलेगा।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय