Uttar Pradesh

आईआईटी कानपुर ने गंगा बैराज में चलाया स्वच्छता अभियान, अपशिष्ट सामग्री- प्लास्टिक कचरा हटाया

कार्यक्रम के दौरान लिया गया छायाचित्र

कानपुर, 20 नवम्बर (Udaipur Kiran) । सामाजिक उत्तरदायित्व और सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करते हुए टीम टेकक्रिति तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने गंगा बैराज में एक व्यापक स्वच्छता अभियान आयोजित किया। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना और स्वच्छ तथा हरित परिवेश के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करना था।

परिवर्तन की शुरुआत हमसे होती है। इस विचारधारा के साथ आरम्भ किए गए इस अभियान का मुख्य लक्ष्य नागरिकों को ज़िम्मेदार कचरा प्रबंधन के प्रति संवेदनशील बनाना तथा गंगा नदी जो भारत की सबसे पवित्र और पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। संरक्षण की अत्यावश्यकता को रेखांकित करना था।

अभियान में टीम टेकक्रिति के सदस्यों तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के अनेक विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। स्वयंसेवकों ने नदी तट के आसपास के क्षेत्रों की विस्तृत सफ़ाई की और गंगा किनारे एकत्रित प्लास्टर की मूर्तियाँ, प्लास्टिक कचरा और अन्य अघुलनशील अपशिष्ट सामग्री को हटाया। विशेष रूप से प्लास्टर की मूर्तियों का संग्रह और निष्कासन नदी तट की पारिस्थितिक शुद्धता को पुनर्स्थापित करने में अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा, क्योंकि यह सामग्री पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक होती है।

अभियान के दौरान स्वयंसेवकों ने स्थानीय निवासियों से संवाद स्थापित कर उन्हें नदी प्रदूषण, अनुचित कचरा निपटान और दूषित जल स्रोतों से उत्पन्न दीर्घकालिक पर्यावरणीय तथा स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों के बारे में जागरूक किया।

यह पहल संस्थान के व्यापक लक्ष्य — पर्यावरण संरक्षण, उत्तरदायी नागरिकता और सतत विकास — के अनुरूप है। यह टेकक्रिति की इस भूमिका को भी प्रकट करती है कि वह केवल तकनीकी आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और नागरिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने वाला एक प्रभावी मंच भी है।

स्वच्छता अभियान का समापन सभी प्रतिभागियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति नवीकृत संकल्प के साथ हुआ। टीम टेकक्रिति आगामी महीनों में और अधिक जन-जागरूकता अभियानों तथा सततता से संबंधित पहलें आयोजित करने की योजना बना रही है, ताकि परिसर समुदाय के साथ-साथ व्यापक जनसमूह को भी अपने परिवेश की ज़िम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया जा सके।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप