
जोधपुर, 05 नवम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने फलोदी जिले की आऊ ग्राम पंचायत के प्रशासक दिनेश कुमार को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा क जांच में नीलामी प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं पाई गई थी। फिर भी दिनेश कुमार को हटा दिया गया था।
जस्टिस सुनील बेनीवाल की एकलपीठ ने आऊ मेघवालों का बास निवासी दिनेश कुमार की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता दिनेश कुमार ने अधिवक्ता मनीष पटेल के माध्यम से रिट याचिका दायर की थी। इसमें प्रतिवादी के रूप में राजस्थान सरकार (ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिव), अपर निदेशक एवं संयुक्त सचिव (द्वितीय) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जोधपुर को पक्षकार बनाया गया। याचिकाकर्ता के वकील मनीष पटेल ने कोर्ट में बताया कि दिनेश कुमार को 14 मार्च 2025 को ग्राम पंचायत आऊ, जिला फलोदी में प्रशासक पद पर नियुक्त किया था। इसके बाद 31 अक्टूबर के विवादित आदेश द्वारा याचिकाकर्ता को प्रशासक के पद से हटा दिया गया। उन पर आरोप लगाया गया कि खसरा नंबर 456/14 और 456/04 में स्थित भूखंड की नीलामी में जांच के बाद अनियमितता पाई गई। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि वास्तव में नीलामी की कार्रवाई पूरी तरह कानून के अनुसार की गई थी। दरों के संबंध में आवश्यक मंजूरी भी सरकार से ली गई थी। वकील ने कहा कि 16 मई 2025 के आदेश के अनुसरण में पहले चार सदस्यीय समिति द्वारा जांच की गई थी। जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए वकील ने कहा कि वास्तव में जांच रिपोर्ट में यह देखा गया कि पूरी नीलामी प्रक्रिया कानून के उचित पालन के बाद की गई थी और कोई अनियमितता नहीं पाई गई। उस रिपोर्ट के बावजूद विवादित आदेश के माध्यम से याचिकाकर्ता को प्रशासक के पद से मनमाने ढंग से हटा दिया गया। याचिकाकर्ता के वकील की ओर से दी गई दलीलों पर विचार करते हुए न्यायालय ने रिट याचिका का नोटिस प्रतिवादियों को जारी किया और साथ ही स्टे आवेदन का भी नोटिस जारी किया। कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए कहा कि अगली तारीख तक 31 अक्टूबर के आदेश का प्रभाव और संचालन स्थगित रहेगा।
(Udaipur Kiran) / सतीश