
आगरा, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । सिखों की नंवी पातशाही और हिंद की चादर के नाम से मशहूर सिखों के नवें गुरु गुरु तेग बहादुर के 350 वें शहीदी दिवस पर आगरा से दिल्ली तक सिख समुदाय द्वारा नगर कीर्तन निकाला जाएगा। नगर कीर्तन में बड़ी संख्या में वाहनों में सिख संगते सम्मिलित रहेगी। 22 नवंबर से 24 नवंबर तक गुरुद्वारों में शहीदी दिवस के उपलक्ष में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सिख समुदाय द्वारा 22 नवंबर को आगरा से दिल्ली तक एक विशाल नगर कीर्तन निकाला जाएगा जो सिखों के नवें गुरु तेग बहादुर साहिब के 350 वें बलिदान दिवस पर निकाला जा रहा है। हाल ही में दिल्ली में हुए बम विस्फोट को लेकर नगर कीर्तन में सम्मिलित किए जाने वाले हर एक वाहन का सत्यापन किया गया है। यह नगर कीर्तन गुरुद्वारा गुरु का ताल से शुरू होकर दिल्ली स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब तक जाएगा, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे। इसका उद्देश्य गुरु तेग बहादुर साहिब के बलिदान और उनके जीवन के उद्देश्य प्रचारित प्रसारित करना है
ये नगर कीर्तन 22 नवंबर को आगरा से नई दिल्ली तक भव्य प्रदर्शन के साथ से निकाला जाएगा। आगरा मथुरा बाईपास पर सिकंदरा स्थित गुरुद्वारा गुरु का ताल से प्रारंभ होकर यह नगर कीर्तन नई दिल्ली के चांदनी चौक में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब पहुंचेगा। इस यात्रा में करीब 100 वाहनों में सिखों की कई संगतें सम्मिलित रहेगी। विगत दिनों दिल्ली में हुए बम विस्फोट की घटना को देखते हुए यात्रा प्रबंधन कमेटी द्वारा नगर कीर्तन में सम्मिलित वाहनों के सत्यापन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए योगदान किया जा रहे हैं।
नगर कीर्तन में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति और वाहन का सत्यापन कराया गया है। गुरुद्वारा गुरु का ताल आगरा प्रबंधन द्वारा नगर कीर्तन में शामिल होने वाले सभी वाहन नंबरों की सूची एकत्रित कर वाहनों का सत्यापन कर तथा सभी वाहनों को पहचान पत्र देकर सुरक्षा के भुगतान इंतजाम किए गए हैं। वाहनों के साथ जाने वाली संगतों तथा उनकी सदस्य संख्या के संबंध में भी पहचान पत्र देकर इनकी पुष्टि की गई है। इस नगर कीर्तन में लगभग 100 वाहनों के सम्मिलित होने की अनुमान है जो न्यूनाधिक हो सकती है।
गुरुद्वारा गुरु का ताल आगरा के प्रमुख ग्रंथी संत बाबा प्रीतम सिंह ने बताया कि आगरा के गुरुद्वारा गुरु का ताल और गुरुद्वारा माईथान के साथ दिल्ली के गुरुद्वारा शीशगंज साहिब से गुरु तेग बहादुर साहिब का नाता रहा है। गुरुद्वारा गुरु का ताल पर गुरु साहिब ने अपनी गिरफ्तारी दी थी और गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में उन्होंने अपना बलिदान दिया था। आगरा से यह नगर कीर्तन पहली बार निकाला जा रहा है। 350वें बलिदान आयोजन के अवसर पर पर दोनों पवित्र स्थानों को आपस में जोड़ने के लिए यह नगर कीर्तन पहली बार निकाला जा रहा है।
गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा माईथान आगरा के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने बताया कि 24 नवंबर को गुरुद्वारा में विशाल कीर्तन समागम का आयोजन किया जा रहा है।
—————
(Udaipur Kiran) / Vivek Upadhyay