Madhya Pradesh

कूनो में प्रकृति, रोमांच और संस्कृति का उत्सव: कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट के द्वितीय संस्करण का भव्य शुभारंभ

कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट

– संस्कृति, प्रकृति और रोमांच का अनूठा संगम है कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट: राज्य मंत्री लोधी

भोपाल, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश की धरती, जिसे 70 वर्षों बाद चीतों की वापसी का गौरव प्राप्त हुआ है, अब प्रकृति, रोमांच और संस्कृति के एक अनूठे उत्सव का साक्षी बन रही है। प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के सुरम्य वातावरण में शुक्रवार देर शाम कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट के द्वितीय संस्करण का भव्य आगाज़ हुआ। इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मार्गदर्शन में आयोजित कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट का उद्देश्य पर्यटन, वन्यजीव और संस्कृति का एक ऐसा अनूठा संगम प्रस्तुत करना है, जो पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय हो। यह आयोजन वैश्विक मानचित्र पर चीतों के घर कूनो को एक प्रमुख ‘सस्टेनेबल टूरिज्म’ गंतव्य के रूप में स्थापित करेगा और स्थानीय कला, शिल्प व व्यंजनों को भी एक वैश्विक मंच प्रदान कर आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के संकल्प को मज़बूत करेगा।

मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा आयोजित इस प्रतिष्ठित उत्सव का औपचारिक शुभारंभ सहरिया विकास अभिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) सीताराम आदिवासी ने दीप प्रज्वलित कर किया।

‘कूनो’ बनेगा इको-टूरिज़्म का राष्ट्रीय गंतव्य

पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा मप्र टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने इस आयोजन को प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर, वन्यजीव संरक्षण और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि यह फेस्टिवल केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि वैश्विक पटल पर सराही जा रही चीता पुनर्वास परियोजना का उत्सव भी है। हमारा उद्देश्य पर्यटकों को प्रकृति से जोड़ना, स्थानीय समुदाय को आजीविका के अवसर देना और मध्य प्रदेश को इको-टूरिज़्म के राष्ट्रीय मानचित्र पर नई पहचान दिलाना है।

प्रकृति की गोद में अविस्मरणीय अनुभव

इवोक कैंपिंग के सहयोग से आयोजित यह फॉरेस्ट रिट्रीट आगंतुकों के लिए अनुभवों का एक खजाना लेकर आया है। कूनो के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच 25 लग्ज़री ऑल सीजन ग्लैंपिंग टेंट स्थापित किए गए हैं, जो पर्यटकों को प्रकृति की गोद में रहने का अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। इस रिट्रीट में जंगल सफारी के साथ-साथ थल और वायु आधारित साहसिक गतिविधियां, योग व ध्यान सत्र, विलेज टूर और वेलनेस गतिविधियों को भी सम्मिलित किया गया है।

सांस्कृतिक संध्या ने मोहा मन

उद्घाटन अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पारंपरिक बधाई नृत्य ने भगवान राम और कृष्ण के जन्म प्रसंगों को जीवंत किया, वहीं बुंदेलखंड के प्रसिद्ध नौरता नृत्य ने प्रदेश की समृद्ध लोक परंपराओं से परिचय कराया। इन प्रस्तुतियों के साथ ही, उत्सव में स्थानीय हस्तकला और जनजातीय कला का प्रदर्शन भी किया जा रहा है, जो पर्यटकों को प्रदेश की संस्कृति से गहराई से जोड़ेगा। इस अवसर पर पर्यटन बोर्ड, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) तोमर