
जबलपुर, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ, जबलपुर में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। संस्थागत गौरव, प्रकृति की शांति और गहरी विरासत का मिश्रण प्रस्तुत करते हुए, उच्च न्यायालय परिसर में नव-विकसित हेरिटेज गार्डन का औपचारिक उद्घाटन किया गया। हेरिटेज गार्डन का उद्घाटन समारोह न्यायपालिका के शीर्ष दिग्गजों की उपस्थिति के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
उद्घाटन करने वालों में माननीय न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, न्यायाधीश, भारत के सर्वोच्च न्यायालयमाननीय न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा, न्यायाधीश, भारत के सर्वोच्च न्यायालयमाननीय न्यायमूर्ति आलोक अराधे, न्यायाधीश, भारत के सर्वोच्च न्यायालयमाननीय न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालयमाननीय न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और माननीय न्यायमूर्ति विवेक रूसिया शामिल थे। इनके अलावा कई अन्य माननीय न्यायाधीश भी उपस्थित थे। रजिस्ट्रार जनरल धर्मिंदर सिंह ने रजिस्ट्री के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और उन्हें उद्यान का निर्देशित भ्रमण कराया।
नव विकसित हेरिटेज गार्डन को देशी और विरासती पौधों की प्रजातियों, थीम आधारित हरित क्षेत्रों और पर्यावरण के प्रति जागरूक भूदृश्य तत्वों के साथ बड़ी कुशलता से डिज़ाइन किया गया है। गणमान्य व्यक्तियों ने इस परियोजना की सावधानीपूर्वक योजना और क्रियान्वयन की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हेरिटेज गार्डन उच्च न्यायालय में आने या काम करने वाले सभी लोगों को ‘एक शांत और चिंतनशील वातावरण’ प्रदान करेगा, जिससे संस्थान के प्राकृतिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय परिदृश्य में समृद्धि आएगी।
यह उद्यान सिर्फ एक हरित क्षेत्र नहीं, बल्कि इतिहास का एक जीवित दस्तावेज़ है। इस भूदृश्य क्षेत्र का महत्वपूर्ण विरासत मूल्य है क्योंकि यह कई ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करता है। यहाँ लगा हुआ पीपल यह पेड़ 1903 में राजा एडवर्ड सप्तम के राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में लगाया गया था। भारत की स्वतंत्रता के समय बी.आर. दिवाकर, आईपीएस द्वारा निर्मित ऐतिहासिक फव्वारा डिप्टी कमिश्नर बेंजामिन रॉबर्टसन द्वारा कर्नल विलियम हैग, आईपीएस की स्मृति में स्थापित किया था। यह समारोह गरिमा और शांत लालित्य से परिपूर्ण रहा, जिसमें न्यायपालिका के कई प्रतिष्ठित सदस्य और वरिष्ठ विधिवेत्ता शामिल हुए।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक