Uttar Pradesh

भारतीय दृष्टि से कुटुम्ब प्रबोधन व पर्यावरण संरक्षण एक दूसरे से जुड़े हैं: निधि द्विवेदी

अतिथिगण

-मनुष्य का जीवन प्रकृति के साथ सामंजस्य में ही निहित: जगजीत कौर बाजवाप्रयागराज, 21 नवम्बर (Udaipur Kiran) । भारतीय दृष्टि से कुटुम्ब प्रबोधन और पर्यावरण संरक्षण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसमें परिवार को राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई मानकर उसमें संस्कार, राष्ट्रीय कर्तव्य और सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित करना शामिल है। यह प्राचीन परम्पराओं पर आधारित है, जहां प्रकृति को पूजनीय माना जाता था। यह बातें बतौर मुख्य अतिथि बालिका शिक्षा की सह क्षेत्रीय प्रमुख तथा सप्तशक्ति संगम की क्षेत्र प्रमुख निधि द्विवेदी ने कही। विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर में ‘सप्तशक्ति संगम’ का तृतीय सोपान विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय के मार्गदर्शन में हुआ। अध्यक्षता करते हुए राष्ट्र सेविका समिति की कर्मठ सदस्या जगजीत कौर बाजवा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए, व्यक्ति को जल, ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में सचेत रहने,पाैधरोपण करने और प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि समाज और राष्ट्र की उन्नति हो सके।विद्यालय के संगीताचार्य एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय की छात्राओं ने मां सरस्वती की वंदना से प्रारम्भ कर ‘हम ही मातृशक्ति हैं’ एवं ‘नवयुग का नव विचार आया’ के सुमधुर गायन से किया। तत्पश्चात अतिथियों का परिचय सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम की प्रमुख पायल जायसवाल तथा स्वागत पूजा मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय की छात्राओं ने रानी लक्ष्मी बाई, चेन्नम्मा, पद्मावती, पन्नाधाय, दुर्गावती, मीराबाई, आदि की वेशभूषा में उनके बोले गए प्रमुख बातों को मंच पर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उपस्थित माताओं से विशिष्ट अतिथि हीरा सिंह ने संस्कारों एवं वीरांगनाओं से संबंधित कुछ प्रमुख प्रश्न पूछे जिसका महिलाओं ने बड़े उत्साह से जवाब दिया। विजयी महिलाओं करुणा विश्वकर्मा, ज्योति चौधरी, डाली सिंह, मीरा देवी एवं आशा देवी के साथ-साथ विशिष्ट माताओं प्रतिज्ञा, स्वाती एवं पुष्पा कोहली को उल्लेखनीय योगदान के लिए उपहारों से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से लक्ष्मी सिंह, विद्यावती शुक्ला, कविता पाण्डेय, निधि राय, अन्नु मौर्य, तूलिका घोष एवं छाया पाण्डेय सहित समस्त अध्यापिकाओं का सहयोग सराहनीय रहा। धन्यवाद ज्ञापन अर्चना राय तथा संचालन रुचि चंद्रा ने किया।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र