
नई दिल्ली, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) । द्वारका जिले की पुलिस ने नजफगढ़ इलाके में हुई एक अंधाधुंध फायरिंग की गुत्थी सुलझाते हुए दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों की पहचान मनीष उर्फ मोनी (27) और हिमांशु (22) के रूप में हुई है। आरोपितों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उन्होंने यह वारदात हिमांशु उर्फ भाऊ और नवीन बाली के कहने पर की थी। दोनों आरोपित घटना के बाद मसूरी (उत्तराखंड) भाग गए थे। पुलिस ने आरोपितों के पास से वारदात में इस्तेमाल मोबाइल फोन बरामद किया हैं।
द्वारका जिले के पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि 28 अक्टूबर को नजफगढ़ के अर्जुन पार्क इलाके में फायरिंग की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। शिकायतकर्ता रोहित ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ खड़ा था, तभी एक ब्रेज़ा कार में आए तीन युवकों ने उस पर गोली चला दी और फरार हो गए। मौके से 4-5 खाली कारतूस मिले। इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई।
गंभीर अपराध को देखते हुए जिले की एएटीएस और एंटी नारकोटिक्स सेल की संयुक्त टीम बनाई गई। इंस्पेक्टर कमलेश कुमार और इंस्पेक्टर सुभाष चंद की देखरेख में टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और स्थानीय मुखबिरों को सक्रिय किया। 30 अक्टूबर को सूचना मिली कि आरोपित मसूरी जा रहे हैं। तकनीकी निगरानी और मुखबिर की मदद से दोनों को मसूरी से दबोच लिया गया।
जेल की रंजिश से शुरू हुई कहानी
पूछताछ में खुलासा हुआ कि नजफगढ़ का रहने वाला दीपक नामक बदमाश, जो पहले चोरी और लूट के मामलों में जेल में था की झज्जर जेल में शिकायतकर्ता रोहित लांबा से झड़प हो गई थी। जेल से छूटने के बाद दीपक ने विदेश में बैठे हिमांशु उर्फ भाऊ से संपर्क किया और रोहित को सबक सिखाने की साजिश रची। दीपक ने मनीष और हिमांशु को रोहित की फोटो और लोकेशन दी तथा काम पूरा करने पर मोटी रकम देने का वादा किया। घटना के बाद दोनों बहादुरगढ़ और बापरोला होते हुए कार लौटाकर फरार हो गए।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी