Uttar Pradesh

एमएनएनआईटी के एलुमनाई सम्मेलन में डॉ भरत राज सिंह ‘मोती पुरस्कार’ से सम्मानित

सम्मानित होते डॉ भरत राज सिंह

प्रयागराज, 17 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा प्रोफेसर (डॉ) भरत राज सिंह को ‘मोती पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। इनके अतिरिक्त सम्मेलन में आठ विशिष्ट पूर्व छात्रों को विभिन्न श्रेणियों में प्रतिष्ठित ‘मोती पुरस्कार’ प्रदान किए गए। लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भारतीय नौसेना में असाधारण योगदान हेतु वाइस एडमिरल अशोक कुमार कालरा को प्रदान किया गया।

सोमवार को आयोजित सम्मेलन में प्रोफेशनल एक्सीलेंस अवार्ड उत्तर-पश्चिम रेलवे के अमिताभ, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेस, लखनऊ के प्रो. (डॉ) भरत राज सिंह को उत्कृष्ट अकादमिक एवं शोध कार्य हेतु तथा जेडब्ल्यू एनर्जी के शरद महेंद्र को प्रदान किया गया। उद्यमिता एवं नवाचार पुरस्कार सारसा फाउंडेशन के संस्थापक कुलदीप त्यागी को दिया गया, जबकि अल्मा मेटर एवं समाज सेवा श्रेणी में विजय वाचवन (पैनासोनिक इंडिया) को सम्मानित किया गया। यंग अचीवर अवार्ड असम के घुबरी की एडीएम सृष्टि सिंह और डेल्हीवरी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट प्रशांत गाजीपुर को प्रदान किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इनमोबी एवं ग्लांस के संस्थापक एवं सीईओ नवीन तिवारी ने अपने सम्बोधन में भारत की यात्रा ‘मेड इन इंडिया’ से ‘इमैजिन्ड इन इंडिया’ तक को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व आज मानव इतिहास के सबसे रोमांचक युग में प्रवेश कर रहा है। जिसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जलवायु तकनीक और जैव अभियांत्रिकी दिशा दे रहे हैं। उन्होंने युवाओं को बड़े सपने देखने, जिम्मेदारी से निर्माण करने और तकनीक को मानवीय बनाए रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि भारत अब वैश्विक विकास का केवल सहभागी नहीं, बल्कि उसका प्रेरक बन चुका है।

विशिष्ट अतिथि एसजेवीएन लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रमेश नारायण मिश्रा उपस्थित रहे। कार्यवाहक निदेशक प्रो. शुभी पुरवार ने पुरस्कार विजेता पूर्व छात्रों को संस्थान का गौरव बताया।

वैश्विक एलुमनाई सम्मेलन के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. अवनीश कुमार दुबे ने कहा कि विश्वस्तरीय संस्थानों के विकास का बड़ा हिस्सा उनके पूर्व छात्रों की सक्रिय सहभागिता से सम्भव होता है।

प्रो. भरत राज सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह सम्मान उनकी जीवन यात्रा के उन सभी पुरस्कारों में से विशिष्ट है, जिनमें 1965 से अब तक राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालयों द्वारा दिए गए अकादमिक और शिक्षण उत्कृष्टता सम्मान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज के शिक्षकों ने केवल ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन मूल्य भी प्रदान किए और वैश्विक समस्याओं में अवसर खोजने की प्रेरणा दी।

उन्होंने बताया कि इन्हीं शिक्षाओं ने उन्हें अनेक ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अमेरिका के हाई स्कूल (कक्षा 9-12) की शिक्षा प्रणाली में उनके कार्यों का उपयोग किया और नासा के ग्लेशियर पिघलाव संबंधी शोध पोर्टल पर उनके विश्लेषण को स्थान मिला। उन्होंने यह भी साझा किया कि कार्बन उत्सर्जन कम करने हेतु वायु-चालित शून्य-प्रदूषण मोटरबाइक इंजन ‘एयर-ओ-बाइक’ के अनुसंधान ने उन्हें वैज्ञानिक नवाचार का अनूठा अवसर प्रदान किया।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र