Haryana

ग्वार की खड़ी फसल में खरपतवारनाशक दवा के स्प्रे से दोहरा नुकसान : डाॅ. बीडी यादव

शिविर में विचार रखते कृषि विशेषज्ञ।

लाडवी में कृषक शिविर आयोजित करके दी गई किसानों को जानकारी

हिसार, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत ग्वार विशेषज्ञ डाॅ. बीडी यादव ने कहा है कि ग्वार बारानी क्षेत्रों की महत्त्वपूर्ण फसल है। खरीफ मौसम की यह फसल न केवल कम लागत में अधिक मुनाफा देती है, बल्कि इससे जमीन की उर्वरक शक्ति भी बढ़ती है।

डॉ. बीडी यादव रविवार को आदमपुर क्षेत्र के गांव लाडवी में आयोजित कृषक शिविर में किसानों व ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। शिविर में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को ग्वार की खड़ी फसल में अनावश्यक खरपतवारनाशक दवाई प्रयोग न करने तथा इसके नुकसान के बारे में पूरी जानकारी दी। इस अवसर पर सेवानिवृत उपमण्डल कृषि अधिकारी डाॅ. वृजलाल बैनीवाल शिविर में मुख्य अतिथि थे।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अगर किसी कारण ग्वार की बिजाई बची हुई है उसके लिए ग्वार किस्म एचजी 365 व एचजी 563 की बिजाई बीज उपचार करके ही करें। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में जिस किसान के पास नरमा की बिजाई करने के बाद नहर का फालतू पानी उपलब्ध हो जाता है ग्वार की बिजाई जून के पहले सप्ताह के बाद करना शुरू कर देते हैं। पीछे काफी अच्छी बारिश होने के कारण ज्यादातर किसान ग्वार की बिजाई कर चुके हैं, पिछेती बिजाई में किसान उन्नत किस्में जो कम अवधि में पकने वाली एचजी 365 और एचजी 565 की ही बिजाई करें। बिजाई से पहले बीज उपचार करना बहुत जरूरी है।

इस मौके पर मुख्य अतिथि डाॅ. वृजलाल ने कहा कि जानकारी के अभाव में किसान कृषि सामग्री विक्रेता की सलाह पर दवाओं का अंधाधुंध छिड़काव करते हैं और सही दवा का प्रयोग नहीं करते है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि किसी भी दवा का प्रयोग करने से पहले कृषि वैज्ञानिक व कृषि अधिकारी से संपर्क अवश्य करें। इसके साथ-साथ उन्होंने किसानों को जागरूक किया कि विक्रेता से दवा खरीदते समय पक्का बिल अवश्य लें तथा उस पर दवा का बैच नंबर अवश्य लिखवाए। इस शिविर में 106 किसानों ने भाग लिया तथा हर किसान को बीज उपचार की दो-दो एकड़ की दवाई दी। इस प्रोग्राम को आयोजित करने में गांव के नंबरदार महेंन्द्र सिंह का विषेष योगदान रहा। इसके आलावा पवन कुमार, महेंन्द्र सिंह, रामनिवास, संदीप, जगदीश, गोपीराम, मक्खनसिंह, सुल्तानसिंह आदि मौजूद थे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर शर्मा

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