– आत्मनिर्भर पंचायत- समृद्ध मध्यप्रदेश संगोष्ठी में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री
भोपाल, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश को समृद्ध बनाना है तो पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्प लिया है कि अमृतकाल में भारत को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। केंद्रीय बजट में ग्रामीण विकास के प्रावधान में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए सतत प्रावधान किए जा रहे हैं। आज सिंचाई के रक़बे में निरंतर वृद्धि हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल-जीवन मिशन के माध्यम से हर घर नल से जल पहुँचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना, ग्रामीण सड़क योजना, आजीविका मिशन आदि के माध्यम से ग्रामीण जीवन को सहज और सशक्त किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने यह बात भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित आत्मनिर्भर पंचायत- समृद्ध मध्यप्रदेश की तीन दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन बुधवार को अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं का उचित लाभ सुनिश्चित करने और हर पात्र को लाभान्वित करने के लिए मैदानी अमले का प्रशिक्षित होना, आपसी समन्वय होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संकल्प और समर्पण से ग्रामीण विकास का नया अध्याय लिख सकते हैं।
दृढ़ इच्छाशक्ति से योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करें
शुक्ल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में सामुदायिक केंद्रों में ज़िला चिकित्सालय स्तर की सुविधाएँ प्राप्त होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में दृढ़ इच्छाशक्ति से ग्रामीण सेवाओं को सशक्त करने के लिए समस्त आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं।
उप-मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी है, बिजली है, पानी है। आज हम तेज़ गति से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। हमें अपनी क्षमता का उन्नयन कर दृढ़ इच्छाशक्ति से प्रयास करने होंगे। हमें नवाचारों को, अभिनव प्रयासों को पूरे प्रदेश में विस्तारित करना होगा, ताकि मध्यप्रदेश का ग्रामीण विकास पूरे देश में मॉडल बनें। उन्होंने आत्मनिर्भर पंचायत- समृद्ध मध्यप्रदेश संगोष्ठी में त्रि-स्तरीय पंचायत के सदस्यों और विशेषज्ञों की सहभागिता, उत्कृष्ट प्रयासों के साझाकरण के अभिनव प्रयास की सराहना की और सफलता की शुभकामनाएँ दीं।
शुक्ल ने रीवा ज़िले में गौ-वंश संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने गौ-शाला को आत्मनिर्भर एवं रोज़गारों के सृजन का केंद्र बनाने के प्रयासों को साझा किया। साथ ही गौ-शालाओं से संबंधित शासकीय योजनाओं में प्रावधानों को सशक्त बनाने के लिए अनुभव आधारित सुझाव दिये। संगोष्ठी में गौ-वंश संरक्षण के लिए बसामन मामा गौ-वंश वन्य विहार रीवा की संकल्पना, व्यवस्था और कार्यान्वयन पर आधारित फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया।
संगोष्ठी में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, संस्कृति, पर्यटन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, राज्य मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग राधा सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) मलय श्रीवास्तव सहित ज़िला एवं जनपद पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित मध्यप्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंच उपस्थित थे।
एसीएस श्रीवास्तव ने तीन दिवसीय संगोष्ठी में विभिन्न विषयों और अब तक हुई गतिविधियों की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में त्रि-स्तरीय पंचायत व्यवस्था के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया हैं। कृषि को लाभकारी बनाने, हरित मध्यप्रदेश, शहरीकरण से पंचायतों पर प्रभाव, केन्द्र पोषित योजनाओं का क्रियान्वयन, पेसा अधिनियम का क्रियान्वयन तथा वन क्षेत्र से लगी पंचायतों के सम्मुख चुनौतियों पर चर्चा के साथ ही ई-पंचायत व्यवस्था और पंचायतों की कार्य प्रणाली में वित्तीय अनुशासन तथा पारदर्शिता आदि विषयों पर मंथन किया जा रहा है। इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की जाएगी।
बसामन मामा गौ-वंश वन्यविहार और डिजीलॉकर फ्रेंडली पंचायत पर दिया गया प्रस्तुतीकरण
रीवा जिला पंचायत के सीईओ हलधर मिश्रा ने ज़िले में गौ-वंश संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने 10 हज़ार गौ-वंश की क्षमता वाले 52 एकड़ में फैले हुए बसामन मामा गौ-वंश वन्य विहार बनाने के विभिन्न चरणों स्थल का चयन, चारागाह की व्यवस्था, वन्यविहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक गतिविधियाँ, रोज़गार का सृजन, एफ़पीओ का गठन एवं सहभागिता, जन-सहयोग से संचालन और विभिन्न अंतर्विभागीय समन्वय के विषयों की जानकारी दी।
अंबेडकर नगर जनपद के सीईओ पंकज दंडोतिया ने डिजी लॉकर फ्रेंडली पंचायत की कार्ययोजना और लाभों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इससे दस्तावेज़ों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है साथ ही सहज उपलब्धता से सेवाओं का तेज़ी से प्रदाय सुनिश्चित होता है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री पटेल ने सभी पंचायतों के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि इन नवाचारों और अभिनव प्रयासों को संबंधित पंचायतों में अपनाने के प्रयास करें।
(Udaipur Kiran) तोमर / उम्मेद सिंह रावत