
-संघ के योगदान को अभिनंदन करने वाली उत्तराखंड देश की पहली बनी संवैधानिक संस्था
देहरादून, 04 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखंड रजत जयंती पर आयोजित विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूर्ण होने पर संगठन के देश निर्माण में योगदान की औपचारिक सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तपोमयी यात्रा आत्मगौरव, सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक पुर्नजागरण और राष्ट्र के लिए दिव्य धारा प्रवाह की है। जिसने देश के लिए कोने-कोने में राष्ट्रीय चेतना के अखंड ज्योति प्रज्वलित कर दिव्य धारा प्रवाहित करने का काम किया है।
देवभूमि उत्तराखण्ड की विधानसभा ने आज एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज किया, जब राज्य की स्थापना की रजत जयंती (25 वर्ष पूर्ण होने) के अवसर पर आयोजित विशेष सत्र में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के योगदान का औपचारिक अभिनंदन किया। उत्तराखण्ड विधानसभा देश की पहली संवैधानिक संस्था बन गई, जिसने संघ के राष्ट्रनिर्माण, सामाजिक जागरण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण में दिए योगदान को सदन में आधिकारिक रूप से मान्यता दी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी सौ वर्षों की तपोमय यात्रा के माध्यम से भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि जो भारत कभी गुलामी की मानसिकता से ग्रस्त था, आज वही अपने सांस्कृतिक मूल्यों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और परंपराओं पर गर्व करता है- यह आत्मगौरव संघ की शताब्दी तपस्या का ही परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने अपने 25 वर्षों के विकास सफर में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं, किंतु राज्य ने सदैव विकल्प रहित संकल्प के साथ प्रगति की राह पर कदम बढ़ाया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी वर्षों में जनता के सहयोग से उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य अवश्य पूरा होगा।
इस ऐतिहासिक अवसर पर पूरे सदन में एकता, आत्मगौरव और राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार हुआ। विधानसभा की ओर से पारित यह भावनात्मक अभिव्यक्ति न केवल उत्तराखंड बल्कि सम्पूर्ण भारत के लिए संघ की राष्ट्रसेवा की शताब्दी यात्रा को सम्मानित करने वाला क्षण बन गई।
सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री धामी ने संघ शाखा में गाए जाने वाले प्रेरक गीत की पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त की। ये उथल-पुथल उछाल लहर, पथ से न डिगाने पाएगी, पतवार चलाते जाएंगे, मंज़िल आएगी, आएगी…”
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार