Uttar Pradesh

पोषण माह : मूड़ादेव आंगनबाड़ी केंद्र पर स्पर्धा में बच्चों ने की उत्साह से भागीदारी

स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में शामिल बच्चे:फोटो बच्चा गुप्ता

– पाँच वर्ष के सूर्या और चार वर्षीय श्रीति बनी सबसे स्वस्थ बालक-बालिका

वाराणसी, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पोषण माह के अंतर्गत काशी विद्यापीठ ब्लॉक के मूड़ादेव ग्राम सभा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र पर सोमवार को स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा का आयोजन किया गया। इसमें बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ भागीदारी की। स्पर्धा वृद्धि निगरानी अभियान व जागरूकता सत्र में छह वर्ष तक के 25 से अधिक बच्चों ने प्रतिभाग किया, जिसमें दो बच्चों के सबसे सेहतमंद पाये जाने पर उन्हें सबसे स्वस्थ बालक बालिका चिन्हित किया गया।

प्रतियोगिता में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा देवी और सहायिका ने सभी बच्चों की लंबाई, ऊंचाई व वजन लिया। ऐसे बच्चे जिनका वजन उनकी लंबाई व आयु के अनुसार सामान्य था। एमसीपी कार्ड भी देखा गया। जिनके माता पिता ने अपने बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए सभी नियमों का पूर्णतया पालन किया, जैसे बच्चों को सही समय पर पूरे टीके लगवाना, साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना, पोषाहार को नियमित समय पर लेना। आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चों को सही समय से प्रतिदिन भेजना। ऐसे दो बच्चों क्रमशः पाँच वर्ष के सूर्या और चार वर्ष की श्रीति को स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा में प्रोत्साहन कर नवाजा गया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि स्पर्धा का उद्देश्य 0 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के पोषण स्तर में सुधार लाना, बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित मुद्दों के साथ बड़े पैमाने पर समुदाय का भावनात्मक जुड़ाव पैदा करना है। उन्होंने समस्त बच्चों के अभिभावकों को पोषण स्वास्थ्य व शिक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। छह माह तक सिर्फ स्तनपान और दो वर्ष तक स्तनपान के साथ उपरी आहार खिलाने के महत्व एवं उनकी आवश्यकता के बारे में जानकारी दी गई। उम्र के अनुसार समय पर सभी टीके लगवाने के बारे में जानकारी दी। विजेता सूर्या की माता रेनू ने कहा कि वह आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता के द्वारा बताई गई बातों को पूरी तरह से अपनाती हैं।

इस तरह मिलते हैं अंक

इन मानकों में मासिक वृद्धि निगरानी के लिए पांच अंक, व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए 10 अंक, पोषण श्रेणी के लिए 10 अंक, आहार की स्थिति के संबंध में 10 अंक, टीकाकरण के लिए 10 अंक, डिवार्मिंग (पेट के कीड़े निकालने) के लिए पांच अंक निर्धारित किए गए हैं। कुल 50 अंक के आधार पर स्वस्थ बालक बालिका चयनित किए जाते हैं।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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