
मुरादाबाद, 18 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मुख्य विकास अधिकारी मृणाली अविनाश जोशी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला टास्क फोर्स (बाल श्रम), जिला श्रम बन्धु एवं जिला स्तरीय बन्धुआ श्रम सर्तकता समिति की बैठक हुई।
सीडीओ ने जनपद मुरादाबाद में बाल एवं किशोर श्रम को पूर्णतया निषिद्ध किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में उप श्रमायुक्त द्वारा बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिशोध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 यथा संशोधित अधिनियम 2016, जिला श्रम बन्धु एवं जिला स्तरीय बन्धुआ श्रम सतर्कता समिति के प्राविधानों एवं उप्र शासन एवं भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। उप श्रमायुक्त ने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री के निर्देशो के क्रम में उत्तर प्रदेश में बाल एवं किशोर श्रम को पूर्णतयाः निषिद्ध करते हुए बाल श्रम मुक्त प्रदेश बनाए जाने का निर्णय लिया गया है।
जनपद मुरादाबाद में बाल एवं किशोर श्रम को पूर्णतया निषिद्ध किए जाने हेतु बाल एवं किशोर श्रमिकों के चिन्हांकन, शैक्षिक पुनर्वासन एवं अधिनियम की विस्तृत जानकारी समस्त पदाधिकारियों को दी गई तथा समस्त व्यापार मण्डल एवं एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बाल एवं किशोर श्रम से कार्य न कराए जाने एवं अधिनियम के अन्तर्गत दण्ड के प्राविधानों की जानकारी दी गई। प्रतिष्ठान एवं कारखानों के बाहर बाल श्रम निषेध बोर्ड अनिवार्य रूप से चस्पा किया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी ने उप श्रमायुक्त को निर्देशित किया कि एक बाल श्रम चिन्हांकन अभियान पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों के सहयोग से चलाकर जनपद के होटल, रेस्टोरेंट एवं बाल श्रम बाहुल्य क्षेत्रों में बाल श्रमिकों का चिन्हांकन कराया जाए तथा उनका शैक्षिक एवं आर्थिक पुनर्वासन सुनिश्चित किए जाने हेतु बेसिक शिक्षा विभाग एवं प्रोबेशन विभाग को बाल श्रमिकों की सूची प्रेषित करते हुए फाॅलोअप भी लिया जाये।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल