
जयपुर, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार से 6 नवंबर तक जवाब देने के लिए कहा है। अदालत ने विस्तृत रिपोर्ट मांगते हुए यह बताने के लिए कहा है कि अभी तक सड़क सुरक्षा नीति, ब्लैक स्पॉट सुधार योजना और वाहन जांच अभियान के तहत क्या कदम उठाए गए हैं। एक्टिंग सीजे संजीव प्रकाश शर्मा व जस्टिस बीएस संधू की खंडपीठ ने यह आदेश मंगलवार को राजेन्द्र शर्मा की पत्र याचिका पर प्रसंज्ञान लेते हुए दिए। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा केवल नियमों का विषय नहीं है, बल्कि यह नागरिकों के जीवन के मौलिक अधिकार से जुड़ा मामला है। ऐसे में राज्य व केन्द्र सरकार इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई करनी होगी।
पत्र याचिका कहा गया कि हाल में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर सहित प्रदेशभर में लगातार सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं और इनमें लोगों की मौतें हुई है। इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण सड़क सुरक्षा के प्रति सरकारी लापरवाही, खस्ताहाल रोड, ओवरलोडिंग, तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण की कमी और ट्रैफिक प्रबंधन की विफलता है। प्रदेश में सड़क सुरक्षा नीति, 2017 अपनाई गई है और इसमें ब्लैक-स्पॉट प्रबंधन व यातायात निगरानी का भी प्रावधान है। इसके बावजूद प्रशासन यहां पर ओवरलोड वाहनों के अनधिकृत प्रवेश और लापरवाही से संचालन को रोकने में विफल रहा है। पत्र याचिका में अदालत से आग्रह किया है कि जयपुर नगरपालिका सीमा के भीतर भारी वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश और संचालन को प्रतिबंधित किया जाए। वहीं सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से तय किए सुरक्षा मानकों और कानूनी प्रावधानों की पालना करवाई जाए। सभी एजेंसियों के संयुक्त प्रवर्तन अभियानों के जरिए कानूनी प्रावधानों का प्रभावी क्रियान्वयन हो। इसके अलावा राज्य सड़क सुरक्षा परिषद, पीएचईडी, जेडीए को निर्देश दिया जाए कि वे शहर की प्रमुख सड़कों की इंजीनियरिंग की ऑडिट करें और एक्सीडेंट वाले ब्लैक स्पॉट की पहचान कर क्षतिग्रस्त डिवाइडर, लेन मार्किंग व साइनेज की मरम्मत करें।
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(Udaipur Kiran)