
गौतमबुद्ध नगर, 05 नवम्बर (Udaipur Kiran) । जनपद गौतमबुद्ध नगर में स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) को एसजीपीजीआई लखनऊ की तर्ज पर सुपरस्पेशलिटी संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां कैंसर, मस्तिष्क, नस और गुर्दे समेत बच्चों की जटिल सर्जरी समेत कई गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ राकेश कुमार गुप्ता ने आज बताया कि मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई संस्थान की दसवीं शासी निकाय की बैठक में यह फैसला लिया गया। संस्थान में कैंसर समेत गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए नए सुपरस्पेशलिटी पाठ्क्रमों को मंजूरी दी गई।
उन्होंने बताया कि राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में मेडिकल आन्कोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन में पाठ्यक्रम शुरू होंगे। अगले वर्ष तक इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी है। इसके साथ ही नियोनेटोलॉजी (नवजात शिशु), पेन मेडिसिन, एनेस्थीसिया, डेंटल सर्जरी और क्रिटिकल केयर में फेलोशिप कार्यक्रम भी शुरू होंगे।
दावा है कि, गंभीर बीमारियों से जुड़े ये कोर्स शुरू करने वाला जिम्स गौतमबुद्ध नगर का पहला संस्थान होगा। फिलहाल मेरठ, आगरा और लखनऊ के मेडिकल कॉलेजों में यह पाठ्यक्रम जारी है। जीबीयू परिसर में 56 एकड़ में विकसित हो रहे मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये भी मंजूर किए गए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष, जिम्स की उपाध्यक्ष अपर्णा यू, विशेष सचिव समीर कुमार, पीजीआइसीएच के निदेशक डॉ. एके सिंह, केजीएमयू के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी, जिम्स सीएमएस डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, जिम्स डीन अकादमिक डॉ. रंभा पाठक आदि मौजूद रहे।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित कुमार घोष ने जिम्स में रोबोटिक सर्जरी, उच्चस्तरीय निदान और सटीक चिकित्सा जैसी उन्नत सुविधाएं शुरू करने का सुझाव दिया। कहा गया है कि एसजीपीजीआई के समान पश्चिमी यूपी में चिकित्सा केंद्र को आगे बढ़ाने की जरूरत है। नए पाठ्यक्रम और गंभीर बीमारियों का इलाज शुरू होने के बाद गौतमबुद्ध नगर के साथ बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, गाजियाबाद समेत आसपास के अन्य जिलों और शहरों के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।
आपात स्थिति से निपटने के लिए संस्थान में राष्ट्रीय आपातकालीन जीवन रक्षक (एनईएलएस) प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा। शासी निकाय की बैठक में इसकी सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई। कौशल विकास पाठ्यक्रमों के लिए जीआईएमएस विद्या सेतु (कौशल शिक्षा प्रशिक्षण इकाई) शुरू करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिली। इससे मरीजों की देखभाल एवं मैकेनिकल वेंटिलेशन के जरिए देखभाल प्रशिक्षण और नर्सिंग मॉड्यूल शामिल होगा।
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हिन्दुस्थान/सुरेश
(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी