Madhya Pradesh

खमरिया आयुध निर्माणी में बड़ा संगठनात्मक बदलाव, इंटक छोड़कर 200 कर्मचारी बीपीएमएस से जुड़े

राष्ट्रीय संगठन मंत्री समेत 200 कार्यकर्ता कामगार यूनियन में शामिल, आयुध निर्माणी खमरिया में इंटक को बड़ा झटका,

राष्ट्रीय अध्यक्ष मारुति पवार बोले- “राष्ट्र हित, उद्योग हित, मजदूर हित ही हमारा ध्येय”

जबलपुर, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । आयुध निर्माणी खमरिया (Ordnance Factory Khamaria) में श्रमिक संगठनों के बीच शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ (BPMS) से संबद्ध कामगार यूनियन आयुध निर्माणी खमरिया द्वारा गीतायन प्रेक्षागृह में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान, इंटक (INTUC) से जुड़े लगभग 200 कार्यकर्ताओं ने इंटक छोड़कर बीपीएमएस की सदस्यता ग्रहण की।

इस अवसर पर इंटक के अखिल भारतीय राष्ट्रीय संगठन मंत्री अमित चौबे और खमरिया सुरक्षा कर्मचारी यूनियन के कई प्रमुख सदस्य भी शामिल रहे। यह सामूहिक रूप से संगठन परिवर्तन का निर्णय रहा, जिसने मजदूर राजनीति में नई हलचल मचा दी है।

“हमारा लक्ष्य राष्ट्रहित के साथ मजदूरों का सम्मान”- मारुति पवार

सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बीपीएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मारुति पवार ने नए सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा, “हमारा ध्येय वाक्य ही राष्ट्र हित, उद्योग हित और मजदूर हित है। बीपीएमएस मजदूरों की आवाज़ को दबने नहीं देगा। ईमानदार श्रमिक नेताओं को अब एकजुट होकर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करनी होगी।”

उन्होंने कहा कि संगठन में हर स्तर पर नए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाती है ताकि वे श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभा सकें। उन्होंने हाल के वर्षों में निगमीकरण (Corporatization) की नीति पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे मजदूरों की स्थिति और असुरक्षित हुई है, इसलिए संघर्ष को और सशक्त बनाना जरूरी है।

इंटक के रवैए से नाराज हुए कार्यकर्ता

इंटक छोड़कर बीपीएमएस में शामिल हुए अमित चौबे ने कहा कि वे इंटक के कुछ नेताओं के पक्षपातपूर्ण रवैए और मजदूर विरोधी नीतियों से लंबे समय से नाराज थे। उन्होंने कहा, “इंटक नेतृत्व मजदूरों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील नहीं रहा। न तो श्रमिकों के कल्याण पर ध्यान दिया गया और न ही उद्योगों के हित में कोई ठोस पहल की गई,”

चौबे ने बताया कि इसी कारण सामूहिक निर्णय लेते हुए लगभग 200 कार्यकर्ताओं ने इंटक से इस्तीफा देकर राष्ट्रवादी संगठन बीपीएमएस का दामन थाम लिया।

‘स्वच्छ छवि से प्रभावित होकर जुड़े कार्यकर्ता’- राजेंद्र चढारिया

कामगार यूनियन के प्रमुख राजेंद्र चढारिया ने कहा कि बीपीएमएस की स्वच्छ और पारदर्शी कार्यशैली ने मजदूरों में विश्वास पैदा किया है। उन्होंने बताया कि समारोह में राष्ट्रीय अध्यक्ष मारुति पवार ने सभी नवागंतुक कार्यकर्ताओं को भगवा ध्वज और माला पहनाकर औपचारिक रूप से सदस्यता दिलाई। चढारिया ने कहा, “बीपीएमएस में शामिल सभी नए सदस्यों को संगठन में जिम्मेदार भूमिकाएँ दी जाएँगी ताकि वे मजदूरों की आवाज़ को मज़बूती से उठा सकें।”

कार्यक्रम में एमआईएल प्रभारी रूपेश पाठक ने कहा कि बीपीएमएस से जुड़ना केवल सदस्यता नहीं बल्कि “संघर्ष का संकल्प” है। उन्होंने बताया कि “बीपीएमएस की साफ-सुथरी छवि और श्रमिकों के हक़ की लड़ाई में उसकी सच्ची प्रतिबद्धता से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में इंटक कार्यकर्ता संगठन में आए हैं।”

पाठक ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में अन्य यूनियनों के कार्यकर्ता भी बीपीएमएस में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि संगठन हर स्तर पर मजदूरों के कल्याण और सुरक्षा को प्राथमिकता देगा। “निगमीकरण की नीतियों के खिलाफ एकजुट संघर्ष जरूरी”बीपीएमएस के नेताओं ने समारोह में यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किए गए निगमीकरण और निजीकरण के निर्णयों से रक्षा कारखानों के हजारों श्रमिकों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

मारुति पवार ने कहा, “यह वक्त है जब सभी मजदूर संगठनों को मतभेद भुलाकर, मजदूर हित में एक साथ खड़ा होना चाहिए। यदि हम एकजुट रहेंगे तो कोई भी नीति हमारे अधिकारों को छीन नहीं सकती।” समारोह में बड़ी संख्या में आयुध निर्माणी के कर्मचारी, यूनियन पदाधिकारी और स्थानीय श्रमिक नेता उपस्थित रहे। आयोजन के दौरान वातावरण में “मजदूर एकता जिंदाबाद” और “बीपीएमएस अमर रहे” के नारे गूंजते रहे।

—————

(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक