नई दिल्ली, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम, डीडीए और दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) के सिरी फोर्ट स्थित दफ्तर में पानी भरने के मामले की संयुक्त रूप से पड़ताल करें। जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने दिल्ली के नगर निकायों को एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।
याचिका बीसीडी ने दायर की है। बीसीडी ने कहा है कि 27 जून और 28 जून की दरम्यानी रात को हुई बारिश में न केवल उसके भवन को नुकसान पहुंचा है बल्कि आईटी विभाग में डाटा को नुकसान हुआ है। याचिका में कहा गया है कि बारिश से बीसीडी का बेसमेंट दस फीट तक डूब गया। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि वर्ल्ड क्लास शहर होने की दिल्ली की छवि धूमिल हो गई है।
सुनवाई के दौरान नगर निकायों की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि 27 जून को रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई थी। नगर निकायों ने कहा कि वे बीसीडी की शिकायत पर उचित कार्रवाई करेंगे। उसके बाद कोर्ट ने सभी नगर निकायों की संयुक्त जांच का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि इस संयुक्त जांच दल में अधीक्षण अभियंता के नीचे के रैंक का कोई भी अफसर नहीं होगा। हाई कोर्ट ने बीसीडी के सचिव को जांच के समय मौके पर रहने को कहा। हाई कोर्ट ने कहा कि नगर निकाय सुधारात्मक उपाय करने के लिए हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं करेंगे।
सुनवाई के दौरान बीसीडी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि बीसीडी दफ्तर के पास एक नाला ओवरफ्लो कर रहा है। बारिश के बाद आज तक नाले को साफ नहीं किया गया। बीसीडी ने इसके लिए दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों से हेल्पलाइन के जरिये आग्रह किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। रमेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम कोर्ट के आदेश के बाद ही नाला साफ करेगी। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के नगर निकायों को एक दिशा-निर्देश जारी किया जाए कि वे एक स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर अपनाएं ताकि भविष्य में दिल्ली में ऐसी स्थिति न पैदा हो।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा / आकाश कुमार राय