Madhya Pradesh

अनूपपुर: छठ महापर्व: नहाए खाए के साथ ही 36 घंटे तक निर्जला व्रत की शुरुआत

फाईल फाेटाे

अनूपपुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आज नहाए -खाए से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में छठी मैया और सूर्य देवता की पूजा की जाती है। सा विश्वास है कि छठी मैया की पूजा से संतान सुख, आरोग्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

छठ महापर्व आज से शुरू हो चुका है भगवान सूर्य की आराधना का महापर्व छठ इस बार 27 अक्टूबर को है। इस अवसर पर रवि योग का विशेष संयोग भी बन रहा है। इस महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का विधान है। छठ का व्रत महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं. इस साल छठ पूजा आज 25 अक्टूबर, शनिवार से शुरू हो गई है, और यह 28 अक्टूबर, मंगलवार को समाप्त होगी। प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में सूर्य अपनी नीच राशि में होता है, इसलिए सूर्यदेव की विशेष उपासना की जाती है। वहीं छठी मैया को संतान, समृद्धि और परिवार की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है।

पर्व की शुरुआत आज 25 अक्टूबर को नहाय-खाय से हो चुकी है। 26 को खरना और 27 को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 28 अक्टूबर को अरुणोदय काल में अर्घ्य के साथ पर्व का समापन होगा। यह व्रत सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। जिला मुख्यालय अनूपपुर दो स्थानों सामतपुर तलाब और तिपान नदी पर इसके अलावा अमरकंटक, कोतमा, बिजुरी, भालूमाडा, पसान,बिजुरी, राजनगर,रामनगर में नदी, तलाबों के घाटों में सूर्य उपासना का महापर्व मनाया जाता हैं।

अनूपपुर जिले में पूर्वांचल क्षेत्र के लोगो की अच्छी खासी संख्या हैं,बड़ी संख्या में लोग छठ महापर्व मनाते हैं। इस बार घाटों पर खास इंतजाम किए हैं। छठ महापर्व को लेकर जिले में रहने वाले पूर्वांचल के लोगों की तैयारी पूरी हो चुकी है, यहां बड़ी तादाद में पूर्वांचल के लोग भी निवासरत हैं। छठ के लिए जरूरी पूजा सामाग्रियों की खरीदारी भी हो रही है। बांस की टोकरी और सूपा लेने बड़ी संख्या में लोग बाजार से पूजा सामग्री की खरीदी कर रहे हैं।

सूर्य की उपासना का पर्व: 4 दिन तक चलने वाले सूर्य उपासना का महापर्व आज से शुरु हो गया है. यह पर्व कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलता है। कार्तिक माह में मनाए जाने वाले छठ का अपना विशेष महत्व है। जिसमे छठ करने वाले व्रतियों की संख्या ज्यादा रहती है। कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि के दिन व्रती नदी और सरोवर में स्नान कर अपने शरीर को शुद्ध करेंगे और व्रत के लिए खुद को तैयार करेंगे, इसे नहाय-खाय के नाम से जाना जाता है, नहाए खाए के दिन छठ व्रती और घर के लोग शुध्द शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं, नहाए खाए के साथ इसके साथ ही 36 घंटे तक निर्जला व्रत की शुरुआत हो जाती है।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

Most Popular

To Top