
जबलपुर, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश शासन, विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा दिनांक 28 अक्टूबर 2025 को जारी उस पत्र के संदर्भ में, जिसमें हरदा जिले की न्यायिक क्षेत्राधिकार को जबलपुर से पृथक कर इंदौर उच्च न्यायालय से जोड़े जाने का प्रस्ताव किया गया है को लेकर जबलपुर के अधिवक्ता संगठनों द्वारा गहरा विरोध दर्ज किया गया है।
इस प्रस्ताव के विरोध में हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन, जबलपुर के आह्वान पर गुरुवार को एक आकस्मिक संयुक्त बैठक आयोजित की गई। यह बैठक हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन, जबलपुर के मीटिंग हॉल में संपन्न हुई, जिसका संचालन संघ के सचिव अधिवक्ता निखिल तिवारी द्वारा किया गया। बैठक में हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जिला अधिवक्ता संघ, सीनियर एडवोकेट्स काउंसिल तथा राज्य अधिवक्ता परिषद के जबलपुर के आठ निर्वाचित सदस्यों सहित प्रमुख अधिवक्ताओं की उपस्थिति रही।
इस अवसर पर हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धन्य कुमार जैन, सीनियर एडवोकेट्स काउंसिल की अध्यक्ष शोभा मेनन, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनीष मिश्रा, स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राधेलाल गुप्ता सहित सदस्य मनीष दत्त, शैलेंद्र वर्मा, अहादुल्लाह उस्मानी, तथा अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे।
बैठक में सर्वसम्मति से मध्यप्रदेश शासन के इस प्रस्ताव का घोर विरोध किया गया तथा यह निर्णय लिया गया कि एक प्रतिनिधिमंडल 14 नवम्बर को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश माननीय संजीव सचदेवा से भेंट कर उक्त प्रस्ताव के विरुद्ध लिखित आपत्ति प्रस्तुत करेगा। जबलपुर के सांसद, विधायक एवं महापौर से इस प्रस्ताव का विरोध करने हेतु अनुरोध किया जाएगा। समस्त अधिवक्ता संगठन एकजुट होकर संबंधित सभी विभागों एवं अधिकारियों को संयुक्त हस्ताक्षरित प्रतिवेदन सौंपेंगे। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि यदि वर्तमान प्रस्ताव को वापस नहीं लिया जाता है, तो जबलपुर के अधिवक्ता समुदाय एवं अन्य संगठनों के साथ मिलकर आंदोलनात्मक रणनीति अपनाई जाएगी।
बैठक में हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष देवेंद्र गंगराड़े, लाइब्रेरी सेक्रेटरी आनंद नायक, कार्यकारिणी सदस्य अक्षय पवार, स्वाति, अधिवक्ता असीम जॉर्ज, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित जैन, सहसचिव योगेश सोनी, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह तथा जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी एवं सदस्य गण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे तथा राज्याधिवक्ता परिषद के सदस्य मृगेंद्र सिंह और मनीष तिवारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक