Uttar Pradesh

जौनपुर मेडिकल कॉलेज को अध्ययन के लिए मिला पहला मृत शरीर, सेंगर दंपति ने पूरा किया अपना वादा

शांति पाठ के बाद मृत देह को लेते हुए प्राचार्य एवं अन्य डॉक्टर्स
मेडिकल कॉलेज को देह दान करते हुए सेंगर दंपति

जौनपुर ,24 नवंबर (Udaipur Kiran) । यूपी के जौनपुर स्थित मेडिकल कॉलेज को सोमवार को एक मृत देह रिसर्च के लिए मिली है। बाइस साल पहले कानपुर से युग दधीचि देहदान अभियान प्रारंभ कर पूरे प्रदेश में इसका विस्तार करने वाले मनोज सेंगर एवं माधवी सेंगर ने जौनपुर मेडिकल कॉलेज को अध्ययन हेतु पहली देह कानपुर से लाकर समर्पित करते हुए अपने उस वादे को पूरा किया जो उन्होंने अपनी 18 नवंबर को कॉलेज के प्राचार्य से किया था।

सोमवार को कानपुर से देह लेकर आए सेंगर दंपति ने बताया कि जे ब्लॉक गोविंद नगर कानपुर निवासी कारोबारी संतोष सिंह कुशवाहा (70)ने अगस्त 2010 में देहदान संकल्प किया था। रविवार अर्धरात्रि एक बजे हृदयरोग संस्थान में उनका निधन होने पर उनके पुत्र आकाश सिंह ने मनोज सेंगर को रात दो बजे फोन पर सूचना देकर देहदान संकल्प पूरा कराने का आग्रह किया, इस पर अभियान की महासचिव माधवी सेंगर ने देह को जौनपुर लेजाने का निश्चय किया, अभियान प्रमुख मनोज सेंगर ने रात में ही देहदान के आवश्यक कागज पत्रक तैयार किए और 24 नवंबर को जौनपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां एनाटॉमी हेड डा भारती यादव, पूर्व प्राचार्या डॉ रुचिरा सेठी ने अपनी सहयोगियों डा अर्चना चौधरी, डॉ प्रियंका सिंह एवं छात्रों की उपस्थिति में पार्थिव देह को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए सम्मान सहित स्वीकार किया। इस अवसर पर मनोज सेंगर ने कहा कि कालेज के प्राचार्य डॉ आर बी कमल के अथक प्रयास के चलते यह देह चिकित्सा छात्रों को अध्ययन हेतु प्राप्त हुई है। देहदान अभियान के अंतर्गत यह 309वीं देह दान कराई गई है।कानपुर से चलते समय दिवंगत संतोष सिंह कुशवाहा की पत्नी कमलादेवी, पुत्र आकाश सिंह, पुत्रवधू निधि सिंह, एवं पुत्रियों गुंजन सिंह, रुचि सिंह सहित उपस्थित परिजनों द्वारा पार्थिव देह की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आरती व पुष्पांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत देहदानी को अंतिम विदाई देते हुए जौनपुर के लिए रवाना किया। जीवन भर एक सामाजिक व्यक्तित्व के रूप में देश की सेवा करने के बाद अपनी पार्थिव देह को भी समाज हित दान कर देने वाले स्वo संतोष सिंह की समाज के हर वर्ग में चर्चा होती रही।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव