

सीतापुर , 24 नवंबर (Udaipur Kiran) । आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग पीजी कॉलेज सीतापुर में आईएटीई–एनआरसी के तत्वावधान में आयोजित विकसित भारत के लिए शिक्षक शिक्षा में रूपांतरण विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी रविवार काे संपन्न हाे गई। इस कार्यक्रम में विभिन्न केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एन. एन. पांडे ने कहा कि शिक्षक एक सामाजिक अभियंता होता है, जिसकी भूमिका समाज निर्माण में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। आईएटीई की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर अनीता रस्तोगी ने बताया कि 1950 में स्थापित यह संस्था शिक्षक शिक्षा नीतियों के क्रियान्वयन में लगातार योगदान देती रही है। उन्होंने कहा कि सीतापुर में क्षेत्रीय समिति के अंतर्गत आयोजित यह पहली संगोष्ठी है ।
दो दिवसीय विचार-विमर्श में शिक्षक शिक्षा, नई शिक्षा नीति, नवाचार, डिजिटल शिक्षण, मूल्य आधारित शिक्षा तथा विकसित भारत के निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर विशेषज्ञों ने अपने शोध और विचार प्रस्तुत किए। प्रतिभागियों के संवाद ने सत्रों को और अधिक सार्थक बनाया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रबंधन एवं नियोजन संस्थान (एनआईईपीए) के निदेशक प्रोफेसर प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शिक्षक को समस्या नहीं, बल्कि समाधान का हिस्सा बनना चाहिए। परिवर्तन की शुरुआत स्वयं से होती है। आईएटीई–एनआरसी के महासचिव प्रोफेसर कौशल किशोर ने सीमित संसाधनों के बावजूद उत्कृष्ट आयोजन के लिए कॉलेज की सराहना की और बताया कि यहाँ पारित संस्तुतियाँ भारत सरकार को भेजी जाएँगी। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन प्रोफेसर सुनील कुमार ने किया, जबकि प्रोफेसर प्रणिता सिंह आयोजन सचिव रहीं। समापन सत्र में प्रबंध समिति के सदस्य राम शंकर अवस्थी (प्रबंधक) और अध्यक्ष गया प्रसाद की मौजूदगी रही।
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(Udaipur Kiran) / Mahesh Sharma