Uttar Pradesh

बेटाें ने रिश्ते काे किया कलंकित : शादी के अपशगुन में अटक गया माँ का प्यार , 50 मीटर दूर पड़ा रहा माँ का शव, देखने नहीं गया बेटा

मृतका की फाइल फोटो
रवि चौबे आश्रम संचालक

-अंतिम साँस तक दादी याद करती रही पोते -पोती को-विधि विधान से नहीं किया गया अंतिम संस्कार

जौनपुर, 24 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के जौनपुर में वृद्धा आश्रम में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल मानवता को शर्मसार कर दिया बल्कि माता-पिता और बेटे-बेटियाें के रिश्ते काे भी अपमानित कर दिया। वृद्धा आश्रम में रह रहे माता-पिता में से माता की माैत हाे गई ताे बेटे बेटियां उनकी लाश इसलिए घर लाने के तैयार नहीं थे कि घर की शादी में अपशकुन हाे जाएगा। फिर जब लाश आई ताे एक बेटा दूर से देखता और रिश्तेदाराें ने भी बेटाें की हां में हां मिलाते हुए अंतिम संस्कार विधि विधान से नहीं कराया।

यह मामला जाैनपुर का है, जहां के एक वृद्धा आश्रम में गोरखपुर का एक दम्पति जीवन यापन करते थे। वृद्धा आश्रम संचालक रवि चौबे ने इस मामले में सोमवार को हिंदुस्थान समाचार प्रतिनिधि काे बताया कि हमारे वृद्धा आश्रम में निवासरत गोरखपुर निवासी बुजुर्ग पति पत्नी में 20 नवंबर को पत्नी मौत हो गयी। हम लोग दाह संस्कार करने जा रहे थे। लेकिन लोगों ने कहा कि घर पर सूचना दे दीजिये। मृतका के पति ने अपने छोटे बेटे को इसकी सूचना दी , छोटा बेटा बोला कि भइया से बात करके बताता हूँ। 23 नवंबर को मृतक के पोते की शादी थी। लेकिन बुजुर्ग काे तब पता चला जब मृतका के पति को उसके छोटे बेटे ने फोन करके बताया कि भइया मना कर रहे हैं और बोले हैं कि शादी का माहौल मातम में बदल जायेगा।

मृतका के पति ने कहा कि अब मैं शव बिल्कुल वहां नहीं ले जाऊंगा। यहीं अंतिम संस्कार करूँगा। लेकिन घर में शादी का माहौल था तो इनकी बेटियां भी आयी थीं। बातों बातों में उन्हें पता चला तो उन्होंने अपनी माँ के अंतिम दर्शन करने व शव यहां लाने की जिद करने लगी। उनके बेटे ने फोन करके कहा कि आप लाश को चार दिन फ्रीजर में रखवा दीजिये। शादी बीतने के बाद हम आकर शव को ले जायेंगे। लेकिन लड़कियों की जिद के नाते दोबारा फोन करके उनके छोटे बेटे ने कहा कि आप जौनपुर से एम्बुलेंस करके शव को गोरखपुर भेज दें। हम उनका अंतिम संस्कार यहीं कर देंगे और लोग अंतिम दर्शन भी कर लेंगे।

आश्रम संचालक रवि चौबे ने बताया कि जब गोरखपुर शव को भेजा गया तो एम्बुलेंस से मेरा एक स्टाफ साथ गया। जब मृतका के घर पर शव पहुंचा तो बड़ा बेटा दूर से देखता रहा लेकिन माँ के शव के पास नहीं आया। उसी समय लोगों की प्रतिक्रिया सामने आई कि जलायेंगे नहीं दफनायेंगे । जब मृतका के पति ने इस बात को सुना तो वो बोले कि हम जौनपुर फिर ले जाकर अंतिम संस्कार करेंगे। मृतका के पति ने कहा कि आप लोगाें ने मेरे साथ धोखा किया है। मृतका के पति के उपर दबाव बना कर धोखे से नदी के किनारे शव को दफना दिया गया। हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार नहीं हो सका। भावुक हाेकर बुजुर्ग ने बताया कि मृतका आ​​खिरी बार अपने पोते पोती को देखना चाहती थी। उनकी लालसा पूरी नहीं हो सकी और दादी अपने पोते के ​सिर पर सजने वाला सेहरा देखने से पहले ही दुनिया छोड़कर चली गयी।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव