
गोरखपुर, 21 नवम्बर (Udaipur Kiran) । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना ने एक बार फिर उत्कृष्टता का परिचय देते हुए विश्वविद्यालय के छह प्रतिभावान स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित साहसिक प्रशिक्षण शिविर हेतु चयनित किया है। यह शिविर 23 नवम्बर से 02 दिसम्बर तक प्रतिष्ठित अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान, पोंग डैम (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित होने जा रहा है। जिसमें देश भर के विश्वविद्यालयों से चुनकर आए युवा प्रतिभाग करेंगे।
इस कैंप के लिए कृष्णानंद जयसवाल, नवनीत पाण्डेय, राज सिंह, भूमिका पाण्डेय, प्रज्ञा उपाध्याय और भावना विश्वकर्मा का चयन हुआ है। ये सभी विद्यार्थी एनएसएस की विभिन्न इकाइयों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं और अपने कौशल, अनुशासन एवं नेतृत्व क्षमता के आधार पर राष्ट्रीय स्तर के इस प्रतिष्ठित प्रशिक्षण के लिए चयनित हुए हैं। इनके चयन से विश्वविद्यालय परिवार में हर्ष का वातावरण है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी, एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डा. सत्यपाल सिंह, विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों तथा विश्वविद्यालय कर्मचारियों की उपस्थिति रही।
प्रति कुलपति ने सभी चयनित स्वयंसेवकों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि “साहसिक प्रशिक्षण शिविर युवाओं को न केवल शारीरिक रूप से सुदृढ़ बनाता है, बल्कि उनमें नेतृत्व, टीमवर्क, साहस एवं आत्म विश्वास जैसे जीवनोपयोगी गुणों का विकास भी करता है। विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि हमारे विद्यार्थी अनुशासन, परिश्रम और समर्पण की मिसाल पेश करेंगे।”
हिमाचल प्रदेश के पोंग डैम स्थित यह दस दिवसीय नैशनल एडवेंचर कैंप एनएसएस द्वारा संचालित सबसे महत्त्वपूर्ण गतिविधियों में से एक है। इस शिविर में स्वयंसेवकों को पर्वतारोहण की मूल तकनीकें, ट्रैकिंग एवं कैम्पिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग, जल साहसिक गतिविधियाँ, आपदा प्रबंधन एवं बचाव तकनीक, फर्स्ट एड, नेतृत्व एवं टीम प्रबंधन प्रशिक्षण, जैसे विविध कौशलों का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। शिविर का उद्देश्य युवाओं को साहसिक गतिविधियों से जोड़कर उन्हें जिम्मेदार, अनुशासित और सक्षम नागरिक बनाना है। एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डा. सत्यपाल सिंह ने चयनित स्वयंसेवकों को बधाई देते हुए कहा कि “ऐसे प्रशिक्षण अवसर छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हैं। यह न केवल उन्हें चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता भी विकसित करता है। हमें विश्वास है कि ये सभी विद्यार्थी विश्वविद्यालय का नाम गर्व से ऊँचा करेंगे।”
–विश्वविद्यालय परिवार ने जताया गर्व
एनएसएस इकाई और विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी शुभकामनाएँ व्यक्त करते हुए आशा जताई कि चयनित छात्र-छात्राएं शिविर में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाएँगे। प्रस्थान के समय विद्यार्थियों में उत्साह और ऊर्जा का संचार देखा गया, वहीं शिक्षक व अधिकारीगण ने उन्हें सुरक्षित यात्रा, बेहतर सीख और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
—————
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय