Uttar Pradesh

देश की आजादी और भारत के निर्माण में सरदार पटेल का अहम योगदान : ऊर्जा मंत्री

तिरंगा यात्रा में शामिल प्रभारी मंत्री ए के शर्मा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री ए के शर्मा
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रभारी मंत्री ए के शर्मा

जौनपुर ,19 नवंबर (Udaipur Kiran) । यूपी के जौनपुर में बक्शा थाना क्षेत्र अंतर्गत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को एक पदयात्रा का आयोजन किया गया।पदयात्रा में जनपद के प्रभारी मंत्री ए.के. शर्मा शामिल हुए।

पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री शर्मा ने सरदार पटेल के जीवन और उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे महामानव को हम लोगों के बीच ‘जीवित’ करने का काम किया है।मंत्री शर्मा ने कहा कि देश की आजादी और भारत के निर्माण में सरदार पटेल का अहम योगदान है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने सरदार पटेल, भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान को याद किया और कहा कि आने वाली पीढ़ियों को इनके बारे में जानना जरूरी है। ऐसे कार्यक्रमों से हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को सरदार पटेल और उनके जीवन के बारे में बताएंगे।

समाजवादी पार्टी द्वारा चुनाव आयोग को भाजपा का ‘लठैत’ बताए जाने के सवाल पर मंत्री ए.के. शर्मा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इतने चुनाव हार चुके हैं कि जब उन्हे हार का अंदाजा हो जाता है, तो उनके पास कुछ ‘तकिया कलाम’ होते हैं।शर्मा ने आरोप लगाया कि ये दल चुनाव आयोग, ईवीएम और उन्हें चलाने वाले अधिकारियों पर आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम हथकंडे जनता के प्रति उनकी सेवा के अभाव को कुछ हद तक ‘धोने’ का कार्य करते हैं।राहुल गांधी के खिलाफ 272 जजों व अधिकारियों के पत्र पर टिप्पणी करते हुए मंत्री शर्मा ने कहा कि यह बिल्कुल सही लिखा गया है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर वोट चोरी होती या ईवीएम खराब होती, तो विपक्ष की सरकारें कैसे बनतीं। शर्मा ने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए पूछा कि अगर ईवीएम खराब होती, तो वहां कांग्रेस की सरकार कैसे बनती? उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम उदाहरण हैं जहां उसी ईवीएम से इन दलों को फायदा हुआ, तब वे कुछ नहीं बोलते।मंत्री शर्मा ने अंत में कहा कि जब ये दल जनता की सेवा किए बिना चुनाव लड़ने जाते हैं और हार जाते हैं, तब उन्हें ईवीएम, चुनाव आयोग और उनके अधिकारी ‘खराब’ दिखने लगते हैं।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव