
लखनऊ,19 नवंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सरदार पटेल 150वीं जयंती समारोह अभियान के राष्ट्रीय सह संयोजक सतीश उपाध्याय ने बुधवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस शासनकाल में लौहपुरुष सरदार पटेल के योगदान को योजनाबद्ध रूप से उपेक्षित किया गया। सरदार पटेल भारत की एकता, अखंडता और प्रशासनिक आधारशिला के सबसे प्रमुख निर्माताओं में से एक थे।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्रता आंदोलन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आज़ाद भारत के निर्माण में राजनीतिक तथा प्रशासनिक रूप से बेहद निर्णायक योगदान दिया। हैदराबाद, जूनागढ़ और जम्मू-कश्मीर समेत 562 रियासतों का एकीकरण उनके अदम्य संकल्प, दूरदृष्टि और लौह इच्छाशक्ति का परिणाम था। उन्होंने कहा कि यदि उस समय सरदार पटेल को वह नेतृत्व और सम्मान दिया गया होता जिसके वे वास्तविक हकदार थे, तो आज देश की तस्वीर और भी भव्य व सशक्त दिखाई देती। इस अवसर पर पाटी के प्रदेश महामंत्री एवं अभियान के प्रदेश सह संयोजक संजय राय सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद प्रधानमंत्री चयन के लिए हुए गुप्त मतदान में 14 वोट सरदार पटेल के पक्ष में थे, जबकि सिर्फ 1 वोट नेहरू के पक्ष में। इसके बावजूद प्रधानमंत्री कौन बना, यह तथ्य कांग्रेस की नीयत और नेतृत्व चोरी को साफ दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल उस समय देश के प्रधानमंत्री बन गए होते तो देश से आतंकवाद और विखंडन की शक्तियां समाप्त होती और देश आत्मनिर्भर और कब का विकसित बन गया होता, यह नुकसान नेतृत्व ठीक नहीं होने के कारण से देश का हुआ। उन्होंने कहा कि इसलिए कांग्रेस को सरदार पटेल पर बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए सतीश उपाध्याय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अभियान के अंतर्गत आयोजित विधानसभा पद यात्राओं ने ऐतिहासिक जन सहभागिता का नया अध्याय लिखा है। अब तक 314 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं और शेष क्षेत्रों में 25 नवंबर तक कार्यक्रम पूरे कर लिए जाएंगे। जिला स्तर पर भी पार्टी संगठन की ओर से विभिन्न संगोष्ठियों, पद यात्राओं, सभाओं और जनसंपर्क कार्यक्रमों का व्यापक आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं, महिलाओं, किसानों, श्रमिकों और सभी समुदायों में देश की एकता के प्रतीक सरदार पटेल के प्रति नई जागरूकता और सम्मान का संचार हुआ है। यह अभियान राष्ट्रीय एकात्मता, सुशासन और विकास की उस भावना को पुनर्जीवित कर रहा है जिसकी नींव सरदार पटेल ने रखी थी। पद यात्राओं में
प्राप्त अभूतपूर्व समर्थन ने यह स्पष्ट कर दिया कि एक भारत–श्रेष्ठ भारत का संकल्प अब हर नागरिक का संकल्प बन चुका है।————
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन