
योगी सरकार की नीतियों से स्टार्टअप इकोसिस्टम भी हुआ मज़बूत
लखनऊ,19 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश पिछले आठ वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक सशक्त औद्योगिक इकोसिस्टम का निर्माण हुआ है, जिसने ईज आफ डूइंग बिजनेस के मानकों को उल्लेखनीय रूप से बेहतर किया है। निवेश मित्र पोर्टल जैसे ऑनलाइन सिंगल विंडो सिस्टम ने निवेश अनुमोदन प्रक्रियाओं को सरल, पारदर्शी और त्वरित बनाया है।
राज्य सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए 33 से अधिक क्षेत्र विशिष्ट नीतियां लागू की हैं, जो उभरते औद्योगिक क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं। राज्य की फ्लैगशिप “औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022”, एफडीआई/एफसीआई नीति 2023 के साथ ही सेमीकंडक्टर, रक्षा उत्पादन, इलेक्ट्रिक वाहन, ऊर्जा और डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों की नीतियों ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए विश्वसनीय और संभावनाओं से भरपूर गंतव्य बना दिया है। निवेश उपरांत प्रोत्साहनों को सरल और तेज बनाने के लिए प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण किया गया है। वहीं एक उच्च-स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (एचएलईसी) द्वारा हर महीने औसतन 10 लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी) भी जारी किये जा रहे है। वर्ष 2025 में ही औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत 6.77 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 70 से अधिक एलओसी स्वीकृत किए गए हैं। साथ ही एफडीआई/एफसीआई नीति 2023 के अंतर्गत 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के एलओसी जारी किए जा चुके हैं, जो वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश की बढ़ती प्रतिष्ठा को प्रदर्शित करता है।
इन नीतिगत सुधारों और पारदर्शी प्रक्रियाओं का परिणाम है कि प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के साथ-साथ उन्हें जमीन पर उतारने में भी उल्लेखनीय सफलता मिल रही है। राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार आगामी भूमि पूजन समारोह (जीबीसी-5) के लिए सरकार 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को धरातल पर उतारने की तैयारी कर रही है। वर्ष 2018 से अब तक आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा, रक्षा, कौशल विकास, आवास और विनिर्माण समेत विभिन्न क्षेत्रों में 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को मूर्त रूप दिया जा चुका है, जो राज्य की नीतिगत स्थिरता और निवेश-अनुकूल वातावरण का प्रमाण है। जिसकी वजह से पिछले आठ वर्षों में सैमसंग, वीवो, डिक्सन, एसीसी, जेके सीमेंट, डालमिया सीमेंट, अदानी पाॅवर, टाटा पाॅवर, Azure, SLMG एसएलएमजी (कोका-कोला बॉटलर्स), वरुण बेवरेजेज (पेप्सी बॉटलर्स), एसटी टेलीमीडिया, माइक्रोसॉफ्ट और एडोब जैसी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश कर हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
उद्यमिता प्रोत्साहन: उत्तर प्रदेश सरकार की स्टार्टअप पहल
बड़े निवेश के साथ प्रदेश में ईज आफ डूइंग बिजनेस का इकोसिस्टम मजबूत होने से वर्तमान में करीब 18127 स्टार्टअप है, जिसमें से 7800 से अधिक स्टार्टअप महिला संचालित है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए छोटे छोटे स्टार्टअप्स को भी आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।जिससे छोटे छोटे शहरों के युवाओं उद्यमियों को अपने स्टार्टअप्स को शुरू करने में प्रोत्साहन मिल रहा है।
केस स्टडी 1: मनुपुरा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (प्रवीन वर्मा)
झांसी के प्रवीन वर्मा द्वारा स्थापित इस स्टार्टअप को योगी सरकार ने ₹11 लाख का फंड (जिसमें से ₹4.5 लाख प्रदान किए गए) स्वीकृत किया है। प्रवीन लगभग दस वर्षों से मशरूम की खेती कर रहे हैं और नाबार्ड की मदद से एक फार्म संचालित करते हैं।
केस स्टडी 2: सिहारी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड (वैशाली कुशवाहा)
जालौन की वैशाली कुशवाहा के इस स्टार्टअप को 3.14 लाख रुपये का फंड (जिसमें से 78,000 रुपये प्रदान किए गए) स्वीकृत किया गया है। सिहारी लैब्स एक एआई-आधारित टूल विकसित कर रहा है जो लघु और मध्यम उद्यमियों को उनके उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान में मदद करेगा। यह तकनीकी नवाचार ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।———–
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन