Uttar Pradesh

उप्र में शिक्षा का ‘नवारम्भ’ : मुख्य धारा से जुड़ेंगे संरक्षण गृहों के बच्चे

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह की नई पहल से प्रदेश में भटके हुए बच्चों की शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए पहली बार अभिनव प्रयोग

बाल देखरेख संस्थाओं में प्रतिनियुक्त बेसिक शिक्षा विभाग के 46 शिक्षकों को बनाया जा रहा एक्सपर्ट

किशोर न्याय समिति के तत्वावधान में ‘काॅन्क्लेव ऑन जस्टिस फाॅर चिल्ड्रेन’ के अन्तर्गत एससीईआरटी ने शुरु किया प्रशिक्षण

लखनऊ, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में पहली बार बाल एवं किशोर संरक्षण गृहों के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बड़ा और अभिनव कदम उठाया गया है। महिला कल्याण विभाग, यूनिसेफ और एससीईआरटी के सहयोग से ‘नवारम्भ’ नाम से विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल शुरू किया गया है। इसके तहत बेसिक शिक्षा विभाग के 46 चयनित शिक्षकों को आधुनिक रूप से एक्सपर्ट बनाया जा रहा है।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व और निर्देशन पर यह विशेष कार्यक्रम इस लक्ष्य के साथ शुरू किया गया है कि संरक्षण गृहों के बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह अपनी रुचि के अनुसार मुख्य धारा में आगे बढ़ सकें।

संदीप सिंह ने कहा है कि हर बच्चे को सही दिशा दिखाना और उनका आत्मविश्वास बढ़ाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। 21 नवंबर तक चलने वाले इस विशेष कार्यक्रम में चार सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।

अभिभावक की भूमिका निभाएंगे शिक्षक

महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने बताया कि संरक्षण गृहों में रहने वाले बच्चों की जिम्मेदारी शिक्षक के कंधों पर होती है। उन्होंने कहा कि हमें इन बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह ही आत्मनिर्भर और सक्षम बनाएंगे। थोड़े प्रयास और सही मार्गदर्शन से ही वे मुख्य धारा में लौट सकते हैं।

‘कॉनक्लेव ऑन जस्टिस फॉर चिल्ड्रेन’ में शुभारंभ

किशोर न्याय समिति के तत्वाधान में आयोजित कॉनक्लेव ऑन जस्टिस फॉर चिल्ड्रेन के दौरान एससीईआरटी, लखनऊ में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। इस दौरान विशेषज्ञों ने बच्चों की मनोवैज्ञानिक जरूरतों, उनके सामाजिक वातावरण और सीखने की प्रक्रिया को समझने पर बल दिया।

इसलिए जरूरी है ‘नवारम्भ’

– संरक्षण गृहों में रहने वाले बच्चे सामान्य वातावरण से दूर हो जाते हैं

– उनमें सीखने की रफ्तार और मनोवैज्ञानिक चुनौतियां अलग होती हैं

– शिक्षक यदि इन बच्चों की विशेषताओं को समझें, तो वे तेजी से आगे बढ़ सकते हैं

– डिजिटल लर्निंग और जीवन कौशल उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे

इन पर रहेगा फोकस

किशोर न्याय प्रणाली

जुवेनाइल बच्चों की मानसिकता व चुनौतियां

सीखने की बाधाएं

समावेशी एवं त्वरित अधिगम

सुरक्षा और संरक्षण

डिजिटल लर्निंग

कंप्यूटेशनल थिंकिंग

शिक्षक की भूमिका और प्रभावी शिक्षण रणनीति

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(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा