Uttar Pradesh

टाइम इज लाइफ के सिद्धान्त को सच साबित कर रही हैं यूपी की एम्बुलेंस सेवा

लखनऊ, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के साथ-साथ आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। इस दिशा में सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा व 102 मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य एम्बुलेंस सेवाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि कर, स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ बुंदेलखंड और पूर्वांचल के दूरदराज व पिछड़े इलाकों तक भी सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही एम्बुलेंस सेवा में एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंसों को जोड़ कर स्वास्थ्य सेवा की दक्षता और गुणवत्ता में भी जरूरी सुधार किया गया है। साथ ही प्रदेश की एम्बुलेंस सेवा को जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ कर रिसपांस टाइम में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है, जिसका परिणाम है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में अब तक 13.26 करोड़ से अधिक मरीजों को 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा से तत्काल स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। जिसकी सरहाना वर्ल्ड बैंक ने भी अपनी 2018-19 की रिपोर्ट में की है।

सीएम योगी का वर्ष 2017 में अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही विशेष ध्यान राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को ऊच्चीकृत व मानकीकृत करने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं की जन-जन तक पहुंच को त्वरित और प्रभावी बनाने पर रहा है। जिसके तहत उन्होंने 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा का विस्तार न केवल शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी किया। साथ ही उन्होंने बुंदेलखंड व पूर्वाचंल के दूरदराज व पिछड़े क्षेत्रों में जहां पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद नहीं थी, पर भी विशेष ध्यान दिया। इसके लिए उनके कार्यकाल में अबतक लगभग 2249 नई एम्बुलेंसों का संचालन किया गया है। इसके साथ ही गंभीर रोगीयों के लिए लगभग 250 एएलएस एम्बुलेंस भी संचालित की जा रही हैं। ये एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंसें वेंटिलेटर, डिफिब्रिलेटर और अन्य आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से लैस हैं, जो ऑन स्पॉट जीवन रक्षा का कार्य करती हैं।

‘टाइम इज लाइफ’ के सिद्धांत को सच साबित करने के उद्देश्य से सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी एम्बुलेंस सेवाओं को जीपीएस ट्रैकिंग व संचार उपकरणों से लैस किया है। जिससे न केवल एम्बुलेंस सेवा को त्वरित और प्रभावी बनाया गया है बल्कि गंभीर रोगीयों और विशेष कर प्रसव के दौरान गंभीर स्थितियों में विशेषज्ञ चिकित्सकों से ऑनलाइन संपर्क कर ऑन स्पॉट स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। इसका लाभ प्रदेश में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही कॉल सेंटर ऑपरेटर अब जीआईएस मैपिंग के जरिए सबसे निकटतम एम्बुलेंस को रूट ऑप्टिमाइजेशन के साथ भेजा जाता हैं, जिससे ट्रैफिक जाम या खराब सड़कों की बाधाएं कम हो जाती हैं और रिसपांस टाइम में विशेष रूप से कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2014-15 में जहां 108 एम्बुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम 28.12 मिनट था वो वर्तमान में लगभग चार गुना कमी के साथ 7.25 मिनट रह गया है। वहीं 102 एम्बुलेंस सेवा का भी रिस्पांस टाइम 19.10 मिनट से घटकर केवल 6.58 मिनट रह गया है।

वर्ष 2017 से अब तक 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं ने संयुक्त रूप से 13.26 करोड़ से अधिक मरीजों को सहायता प्रदान की है। इसमें 108 एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से लगभग 3.57 करोड़ लोगों को आपात स्थिति में स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त हुई है। जबकि 102 एम्बुलेंस सेवा ने लगभग 9.62 करोड़ गर्भवती महिलाओं सुरक्षित प्रसव की सुविधा उपलब्ध करवायी है। वहीं दूसरी ओर एएलएस एम्बुलेंसों ने अब तक 7.14 लाख से अधिक गंभीर मरीजों को उच्च स्तरीय देखभाल उपलब्ध कराई, जहां सेकंड्स की देरी घातक भी साबित हो सकती थी। भविष्य में ड्रोन एम्बुलेंस और एआई एकीकरण जैसे नवाचारों से प्रदेश की एम्बुलेंस सेवा और भी सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है ।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन