Uttar Pradesh

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आरएसएस भवन सम्बंध में दाखिल वाद की अगली सुनवाई 4 दिसम्बर को

प्रमिल पांडेय और काशी हिंदू विश्वविद्यालय

वाराणसी, 18 नवम्बर (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आरएसएस भवन को फिर से संचालित करने और वहां किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न न होने देने के सम्बंध में दाखिल वाद पर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) शमाली मित्तल के छुट्टी पर होने के कारण सुनवाई की अगली तारीख 04 दिसम्बर नीयत की गई है। पिछली तारीख 10 नवम्बर पर अदालत ने काशी हिंदू विवि को अंतिम अवसर प्रदान कर अगली सुनवाई की तिथि आज 18 नवम्बर नीयत किया था।

प्रतिवादी संख्या दो यानी कुलपति हलफनामा के साथ प्रति उत्तर की कॉपी वादी या उनके अधिवक्ता को उपलब्ध कराएं। विचाराधीन इस मुकदमे में वादी प्रमील पांडेय की ओर से अधिवक्ता गिरीश चंद्र उपाध्याय एवं मुकेश मिश्रा ने पक्ष रखते हुए न्यायालय को अवगत कराया कि अब तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति मुकदमे में प्रस्तुत नहीं हुए हैं और न तो वादी या उनके अधिवक्ता को कोई प्रतिउत्तर प्राप्त हुआ है।

बता दें कि, प्रमील पांडेय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्थापित आरएसएस भवन को पुनः संचालित करने और वहां किसी भी प्रकार का अवरोध न होने देने की मांग को लेकर अदालत में वाद दायर किया है। वाद में कहा गया है कि बीएचयू में वर्ष 1931 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा प्रारम्भ हुई थी। महामना पं. मदन मोहन मालवीय की पहल पर वर्ष 1937-38 में दो कमरों का एक संघ भवन भी बनवाया गया था। यह भवन उस समय के प्रति कुलपति राजा ज्वाला प्रसाद के माध्यम से निर्मित कराया गया था। वर्तमान में यह भवन विधि संकाय परिसर में स्थित है और इसे ‘संघ स्टेडियम’ के नाम से जाना जाता था। इसी बीच, आपातकाल (इमरजेंसी) के दौरान 22 फरवरी 1976 को तत्कालीन कुलपति कालूलाल श्रीमाली के कार्यकाल में इस भवन को रातों रात ध्वस्त करा दिया था।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भवन को फिर से संचालित कराने से जुड़े मामले में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की अदालत में सुनवाई हुई। वादी प्रमील पांडेय के अधिवक्ताओं ने अदालत को अवगत कराया कि अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई लिखित जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है।

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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र