Uttar Pradesh

समर्पण और संघर्ष के प्रतीक अशोक सिंघल को विहिप ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

अशोक सिंघल की पुण्यतिथि पर विहिप पदाधिकारी व कार्यकर्ता।

मीरजापुर, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिन्दू हृदय सम्राट एवं श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के प्रखर नेतृत्वकर्ता अशोक सिंघल की पुण्यतिथि सोमवार शाम विहिप कार्यालय, इम्लहा नाथ मंदिर (दक्षिण फाटक) पर श्रद्धा एवं सम्मान के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में विहिप पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर हनुमान चालीसा का पाठ किया।

पुण्यतिथि कार्यक्रम में विहिप के प्रांत उपाध्यक्ष विद्याभूषण ने कहा कि अशोक सिंघल ने अपना संपूर्ण जीवन हिंदू समाज की सेवा और संगठन को समर्पित कर दिया। 15 सितंबर 1926 को आगरा में जन्मे सिंघल ने बीएचयू से 1950 में मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी। धार्मिक परिवार में पले-बढ़े सिंघल महर्षि दयानंद सरस्वती सहित कई महान विभूतियों से प्रभावित रहे। वर्ष 1942 में आरएसएस से जुड़े और यहीं से समाज सेवा के प्रति उनका समर्पण और अधिक प्रबल हुआ।

उन्होंने कहा कि 1984 में दिल्ली के विज्ञान भवन में धर्म संसद का आयोजन कर सिंघलजी ने राम जन्मभूमि आंदोलन को नई दिशा दी। वे लगभग 20 वर्षों तक विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और हिंदू समाज को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में विभाग संयोजक प्रवीण, जिला मंत्री श्रीकृष्ण सिंह, जिला सह मंत्री अभय, जिला सहसंयोजक पवन, नगर अध्यक्ष राजमहेश्वरी, नगर उपाध्यक्ष सपना, कार्यालय प्रमुख विजय, नगर संयोजक चंद्रप्रकाश, रणविजय, सोनू, अंकित, हिमांशु, शुभ, निर्मल समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा