
जबलपुर, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । सिंहस्थ 2028 को देखते हुए उज्जैन की विद्युत पारेषण प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ व आधुनिक बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश का पहला 132 के.वी. सबस्टेशन अपनी 65 वर्षीय गौरवपूर्ण सेवा यात्रा के साथ आगामी सिंहस्थ के लिए विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है।
17 नवंबर वर्ष 1960 में प्रारंभ हुआ यह सबस्टेशन प्रदेश में ट्रांसमिशन नेटवर्क के विकास का एक महत्वपूर्ण आधार रहा है। इसने बीते पाँच सिंहस्थों में उज्जैन को निर्बाध विद्युत आपूर्ति देकर अपनी तकनीकी क्षमता और विश्वसनीयता सिद्ध की है तथा अब छठे सिंहस्थ 2028 की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु उन्नत सुविधाओं के साथ तैयार है।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने
कहा है कि सिंहस्थ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से है।मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को सिंहस्थ 2028 के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु इस ऐतिहासिक सबस्टेशन मे तकनीकी उन्नयन, आधुनिकीकरण और समुचित रखरखाव के निर्देश दियें हैँ।
सिंहस्थ क्षेत्र को विद्युत उपलब्ध कराने में इस सब स्टेशन से निकलने वाले 33 के.वी. खेड़ापति फीडर की भूमिका विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण रही है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक