Madhya Pradesh

सीहोरः अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस पर आज जिले में आयोजित होंगे कार्यक्रम

अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस

– सहिष्णुता को जीवन का आधार बनाना है कार्यक्रम का उद्देश्य

सीहोर, 16 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार आज रविवार को अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनका उद्देश्य समाज में आपसी सद्भाव, शांति, धैर्य और संवाद को बढ़ावा देना है।

जिला पंचायत सीईओ सर्जना यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस पर जिलों में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी, जिनमें विद्यालयों और महाविद्यालयों में विषय आधारित चर्चाएँ, बैठकें, संगोष्ठियाँ, पोस्टर और निबंध प्रतियोगिताएँ, जनजागरूकता रैलियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्लोगन लेखन, रोल-प्ले तथा नाटक शामिल हैं। इन कार्यक्रमों में स्कूलों, कॉलेजों, सामाजिक संस्थाओं, युवाओं और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। सहिष्णुता के संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए पोस्टर, बैनर, फ्लायर और प्रस्तुति सामग्री का माध्यमों में व्यापक उपयोग किया जाएगा।

सहिष्णुता को वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक आवश्यकता बताते हुए कहा गया है कि बदलते परिवेश, तनावपूर्ण परिस्थितियों और विचारों के बढ़ते टकराव के बीच लोगों को एक-दूसरे की भावनाओं, दृष्टिकोण और परिस्थितियों को समझना सीखना होगा। सहिष्णुता के अभाव में क्रोध, हिंसा, द्वेष और विभाजन जैसी प्रवृत्तियाँ बढ़ती हैं, इसलिए सहिष्णुता को व्यवहार और रोजमर्रा के जीवन में शामिल करना समय की माँग है।

विपरीत परिस्थितियों या किसी विवाद की स्थिति में व्यक्ति अक्सर आवेश में आकर गलत निर्णय कर बैठता है, इसलिए ऐसे समय में अपने संवेगों पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। किसी भी घटना या मतभेद को समझने के लिए यह जरूरी है कि व्यक्ति स्वयं को दूसरे की स्थिति में रखकर सोचने का प्रयास करे। विचार-विमर्श, संवाद और धैर्य को समस्याओं के समाधान का सर्वोत्तम तरीका बताया गया है, क्योंकि बातचीत से गलतफहमियाँ दूर होती हैं और लोगों के बीच विश्वास, समझ और सम्मान बढ़ता है।

जिला पंचायत सीईओ सर्जना यादव ने जानकारी दी कि सहिष्णुता दिवस के आयोजन का उद्देश्य केवल एक दिन का कार्यक्रम भर नहीं है, बल्कि यह समाज में स्थायी शांति, सौहार्द और परस्पर सम्मान की भावना को मजबूती देना है, ताकि विभेद, तनाव और हिंसा की प्रवृत्तियाँ कम हों और समाज में भरोसे और सद्भाव का वातावरण विकसित हो सके। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाया जाता है।

(Udaipur Kiran) तोमर