
ग्वालियर, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । मलमास 16 दिसंबर से आरंभ होने जा रहा है जो 14 जनवरी तक रहेगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों पर ब्रेक लग जाएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी ने बताया कि 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य का धनु राशि में प्रवेश करना मलमास की संज्ञा दी जाती है। सूर्य वर्ष में दो बार मलमास या खरमास की श्रेणी में आते हैं, जिसमें धनु व मीन राशि मानी जाती है। 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे मलमास समाप्त होगा। इस अवधि में शुभ कार्यों पर रोक रहती है। आप दान, स्नान, मंत्र जाप और पूजा-पाठ कर सकते हैं।
मकर में सूर्य के प्रवेश करते ही सूर्य का उत्तरायण माना जाता है और सूर्य के उत्तरायण से ही विवाह कार्य की पुन: शुरुआत हो जाती है। छह माह का उत्तरायण काल, उत्तरायण का समय अलग-अलग प्रकार के धार्मिक मांगलिक कार्यों का विशेष माना जाता है। इस समय में धर्म तथा पुण्य से जुड़े विशिष्ट कार्य किए जाते हैं। 16 जनवरी से पुन: विवाह की शुरुआत हो जाएगी।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ऐसा मानना है कि मलमास के दौरान सूर्य देव के तेज में कमी आ जाती है और उनका प्रभाव कम हो जाता है। मंगलकारी कार्यों के लिए सूर्य का बलवान होना जरूरी है। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, खरमास में किए गए शुभ कार्यों का शुभ फल नहीं मिलता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धनु राशि में सूर्य के जाने पर लग्न और ग्रहों की शुभ स्थिति कमजोर हो जाती है। शुभ कार्यों के लिए आवश्यक सुमंगल योग नहीं बनते, कई दिनों तक अशुभ योग जैसे दग्ध तिथि, गुरुतारा, शुक्रतारा सक्रिय रहते हैं। विवाह में गुरु और शुक्र मुख्य कारक होते हैं,और मलमास में उनका प्रभाव भी कम होता है।
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा