



अशोकनगर, 14 नम्बर(Udaipur Kiran) । टाईगर स्टेट मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में अब टाइगर (शेर) को खोजने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए वन विभाग द्वारा अपने अमले को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शेरों को खोजकर उनकी गणना करने के अलावा अन्य मांसाहारी और शाकाहारी वन्यजीवों की गणना करने का कार्य भी वन महकमे द्वार किया जाने के लिए प्रशिक्षण कार्य चल रहा है।
जिला वन अधिकारी प्रतिभा अहिरवार ने शुक्रवार को (Udaipur Kiran) को बताया कि हमें गौरव की बात है कि हमारा मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट है, इसी के तहत जिले में बाघों की गणना कार्य हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनका कहना कि बाघों की यह गणना प्रत्येक 4 साल में एक बार की जाती है, इससे पूर्व 2022 में यह गणना की गई थी। बाघों की यह गणना राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा कराई जाती है। जिसमें वन विभाग तथा बाघ संरक्षण के लिए कार्य करने वाले स्वयं सेवी संगठन का भी सहयोग लिया जाता है। तथा भारतीय वन्य जीव संस्थान गणना की वैज्ञानिक तकनीक व सहायता प्रदान करता है। बताया कि यह गणना कार्य 6 दिन किया जाना है जिसमें 3 दिन मांसाहारी वन्यजीव और 3 दिन शाकाहारी वन्यजीवों की गणना की जाएगी।
ऐसे चल रहा प्रशिक्षण
वन मण्डल अधिकारी चंदेरी के परिक्षेत्र में चल रहे प्रशिक्षण के तौर पर 5 किमी की वीट ऐरिया में अलग-अलग रूट पर पैदल चलकर बाघ मांसाहारी वन्यजीवों गणना और उनके साक्ष्य लेना साक्ष्यों को संधारित करना है।
इसी प्रकार शाकाहारी वन्यजीवों की गणना में उनकी दूरी एवं कोण का आंकलन करना। ट्रांजिट लाईन पर चार-चार सौ मीटर पर पॉइन्ट बनान, उनकी जीपीएस रीडिंग लेना एवं इन्हीं पॉइंटों पर 15 मीटर, 5 मीटर, 1 मीटर के गोले बनाना एवं उन पर गणना करना शामिल है। इस प्रकार प्रशिक्षण कार्य जारी है।
80 से 100 तेंदुओं का अनुमानजिले में वन्यजीवों की गणना के बीच जहां शेर (बाघ) के मिलने की संभावना जहां कम है, पर यहां मांसाहारी वन्यजीव में तेंदुओं की तादाद 80 100 के करीब होने का अनुमान अवश्य है।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार