Madhya Pradesh

मप्रः अपराध अन्वेषण में नवाचार, वैज्ञानिक दक्षता और तकनीकी उत्कृष्टता पर जोर

“फिंगर प्रिंट मैनुअल 2025” का विमोचन

– राज्य स्तरीय अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ कार्यशाला में हुआ “फिंगर प्रिंट मैनुअल 2025” का विमोचन

भोपाल, 13 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, पुलिस मुख्यालय के तत्वावधान में गुरुवार को प्रदेश के सभी जोन एवं जिलों में पदस्थ अंगुल चिन्ह विशेषज्ञों की राज्य स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में अंगुल चिन्ह विशेषज्ञों के कार्य को अधिक प्रभावी, वैज्ञानिक एवं तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाना रहा।

इस कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, जयदीप प्रसाद द्वारा की गई। कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने बताया कि मध्य प्रदेश, अंगुल चिन्ह संबंधी कार्यों में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि NAFIS (National Automated Fingerprint Identification System) के माध्यम से अपराधियों की पहचान एवं अपराध अन्वेषण में राज्य का योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने सभी विशेषज्ञों को निर्देशित किया कि वे अपने कार्य में तकनीकी नवाचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और व्यवसायिक दक्षता को प्राथमिकता दें, ताकि अपराधों की जांच और अपराधियों की पहचान में और अधिक तेजी लाई जा सके।

कार्यशाला में केंद्रीय अंगुल चिन्ह ब्यूरो, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली की निदेशक डॉ. श्रीमती एस. इंदिरा सुधा द्वारा अंगुल चिन्ह तकनीक के नवीनतम आयामों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। उन्होंने देशव्यापी अनुभव साझा करते हुए मध्यप्रदेश के अंगुल चिन्ह विशेषज्ञों को उन्नत तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया।

इस अवसर पर “फिंगर प्रिंट मैनुअल 2025” का विमोचन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा किया गया। यह मैनुअल राज्य में अंगुल चिन्ह संबंधी कार्यों के लिए एक अद्यतन दिशा-निर्देश दस्तावेज के रूप में उपयोगी सिद्ध होगा। “फिंगर प्रिंट मैनुअल 2025” न केवल अपराध जांच की सटीकता और गति बढ़ाएगा, बल्कि मध्य प्रदेश पुलिस को वैज्ञानिक अन्वेषण के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में भी सहायक सिद्ध होगा।

अपराध अनुसंधान में वैज्ञानिक विधियों के सशक्त उपयोग की दिशा में यह मैनुअल अंगुल चिन्ह विशेषज्ञों के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शक एवं प्रशिक्षण साधन के रूप में कार्य करेगा। इसमें फील्ड कार्यप्रणाली, डिजिटल विश्लेषण, डेटा रिकॉर्डिंग और NAFIS प्लेटफॉर्म के प्रभावी उपयोग से संबंधित विस्तृत दिशानिर्देश सम्मिलित हैं।

कार्यशाला के अंत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अंगुल चिन्ह विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया तथा उन्हें अपराध अन्वेषण के क्षेत्र में निरंतर नवाचार और दक्षता की दिशा में कार्यरत रहने हेतु प्रेरित किया गया। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक, राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, चैत्रा एन., सहायक पुलिस महानिरीक्षक, ऋचा चौबे, एवं संचालक अंगुल चिन्ह ब्यूरो, मनोज सिंह राजपूत सहित राज्यभर से आए अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) तोमर