



– मुख्यमंत्री ने 22 नई इकाइयों का लोकार्पण और 4 प्रमुख परियोजनाओं का किया भूमिपूजन
भोपाल, 13 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र को नई गति देने के लिए इंदौर में गुरुवार एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन किया। इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित इस कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग की। इस दौरान कई उद्योगपतियों ने मध्य प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई। इस दौरान कुल 15 हजार 896 करोड़ का निवेश प्रस्ताव प्राप्त, जिनसे 64 हजार 85 रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 22 नई इकाइयों का लोकार्पण और 4 प्रमुख परियोजनाओं का भूमिपूजन भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य के औद्योगिक और तकनीकी विकास को नई गति प्रदान करते हुए जिन 22 नई औद्योगिक, तकनीकी एवं नवाचार-आधारित इकाइयों का लोकार्पण किया। इनमें 257.46 करोड़ रुपये का निवेश होगा और लगभग 2125 नए रोजगार सृजित होंगे। ये अत्याधुनिक इकाइयाँ मुख्य रूप से इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के आईटी पार्क में स्थापित की जायेंगी जिनमें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, स्टार्ट-अप्स के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर, ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तथा अन्य हाई-टेक कंपनियाँ शामिल हैं। इससे प्रदेश तकनीकी हब के रूप में उभरेगा और युवा उद्यमिता एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव में वर्चुअली 4 नई परियोजनाओं का भूमि-पूजन किया, जिनसे 1346.75 करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 21,150 नए रोजगार अवसर सृजित होंगे। ये परियोजनाएँ इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर में प्रमुख आईटी पार्क, ड्रोन टेक्नोलॉजी और ईएसडीएम क्षेत्र से जुड़ी हैं। एलटीआई इंडस्ट्री द्वारा 810 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर के सुपर कॉरिडोर में 10 एकड़ भूमि पर अत्याधुनिक आईटी टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग केंद्र स्थापित होगा, जिससे 10 हजार रोजगार सृजित होंगे।
डीएनआर कॉर्पोरेशन द्वारा 524 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर के सुपर कॉरिडोर में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट आईटी पार्क विकसित किया जाएगा। इससे 11 हजार रोजगार सृजित होंगे। मेसर्स इन्फिनी सेल्स कॉर्पोरेशन द्वारा भोपाल में 4 करोड़ रुपये की लागत से एलईडी विनिर्माण इकाई स्थापित होगी, जिससे 50 रोजगार सृजित होंगे। मेसर्स आरएआर इंजीनियरिंग द्वारा जबलपुर में 8.75 करोड़ रुपये की लागत से रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए इंटेलिजेंट मोशन और वाइब्रेशन कंट्रोल सिस्टम हेतु विनिर्माण हब स्थापित होगा, जिससे 100 रोजगार मिलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एलटीई माइंडट्री के मनीष प्रजापति, डीएनआर कारपोरेशन के रितेश उमथ से वर्चुअली संवाद कर शुभकामनाएं दी।
उद्योग प्रमुखों के संबोधन
वेना इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट श्री पार्थ सेनगुप्ता ने एम.पी. टेकग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 में कहा कि मध्य प्रदेश में GCCs की नई लहर चल रही है।राज्य सरकार के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि टियर-1 शहरों की चुनौतियों के बीच टियर-2 शहरों, विशेषकर इंदौर और भोपाल में GCCs के लिए बेहतर अवसर हैं। कुशल टैलेंट, सुगम प्रक्रियाएं, प्रोत्साहनकारी नीतियां, उत्कृष्ट अवसंरचना और उच्च जीवन गुणवत्ता के कारण इंदौर में GCC सफल हो रहे हैं। उन्होंने निवेशकों से टियर-2 शहरों की नवाचार व विकास संभावनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया।
अनंत टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के संस्थापक डॉ. सुब्बाराव पवुलुरी ने स्पेस टेक्नोलॉजी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मध्यप्रदेश को सैटेलाइट निर्माण की एडवांस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कदम बढ़ाना चाहिए। उन्नत सैटेलाइट तकनीक के माध्यम से राज्य में आपदा प्रबंधन के कार्यों को अधिक प्रभावी और आसान बनाया जा सकता है। साथ ही, उन्होंने ज्ञान के प्रसार के लिए “डिजिटल हाईवे” की स्थापना की बात कही जिससे ज्ञान का आदान-प्रदान किया जा सकेगा और गांव-गांव तक ज्ञान पहुंचाया जा सकेगा।
इज़ी वेंचर्स के इशान हेडन ने कहा कि इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना उनके लिए गौरव की बात है। मध्यप्रदेश में ड्रोन प्रौद्योगिकी कृषि, खनन, निर्माण आदि हर क्षेत्र में तीव्र गति से विकसित हो रही है। इस क्षेत्र में भविष्य में लगभग 50 लाख रोजगार सृजित होने की संभावनाएँ हैं। मध्यप्रदेश की ड्रोन नीति एक दूरगामी नीति है, जिसमें प्रशिक्षण, विनिर्माण तथा अनुसंधान एवं विकास जैसे सभी आयाम सम्मिलित हैं। इसका प्रभावी क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर हो रहा है। मध्यप्रदेश उभरते हुए प्रौद्योगिकी क्लस्टर का केंद्र बन चुका है। औद्योगिक विकास के लिए यहाँ समग्र संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में उद्योगों एवं निवेश की बयार बह रही है।
एएनएसआर के को-फाउंडर विक्रम आहूजा ने कहा कि जीसीसी वृद्धि में मध्यप्रदेश अग्रणी है। म.प्र. समर्पित जीसीसी नीति लाने वाला पहला राज्य बना है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर जैसे शहरों के साथ यह भारत की जीसीसी कहानी का अगला अध्याय लिखने को तैयार है। इंदौर जैसे शहर अब “टैलेंट हब” बनकर शीर्ष कंपनियों को आकर्षित करेंगे, निवेश लाएंगे और भविष्य के कार्य-मॉडल को नया रूप देंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा 6 प्रमुख औद्योगिक परियोजनाओं के लिए सीसीआईपी ऑर्डर जारी किए गए। इन परियोजनाओं से प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी। कुल 2999.2 करोड़ के निवेश के साथ लगभग 6150 रोजगार अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह कदम ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और प्रदेश को औद्योगिक प्रगति के नए आयाम प्रदान करेगा।
हाईटेक प्रदर्शनियाँ
कॉन्क्लेव में हाई-स्पीड इलेक्ट्रॉनिक्स, एआर/वीआर, ब्लॉकचेन पब्लिक सर्विस, एग्री-ड्रोन एवं तकनीकी अनुसंधान जैसे क्षेत्रों की नवाचार झलकियाँ प्रदर्शित की गई। इंदौर भोपाल, एवं बड़वानी की कंपनियों द्वारा प्रदर्शित स्टॉल्स में हाइ स्पीड इलेक्ट्रॉनिक ड्राइव्स, एआर / वीआर (AR/VR)-बेस्ड टूरिज्म और फिजियोथेरेपी, पब्लिक सर्विस के लिए ब्लॉकचेन, एग्री ड्रोन, आईटी प्रोडक्ट और तकनीक की नई खोजों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया।
(Udaipur Kiran) तोमर