Madhya Pradesh

मुरैना: विद्यालय बंद मिलने पर चार शिक्षकों पर कार्रवाई, दो वेतनवृद्धियाँ असंचयी प्रभाव से रोकी गईं

विद्यालय में शि‍क्षक के अभाव में विद्यार्थ‍ियों द्वारा अपने साथियों को पढ़ाया जाना

मुरैना, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । मप्र के मुरैना में शासकीय विद्यालयों में अनुशासन और कार्यकुशलता बनाए रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक सख्त कदम उठाया है। ब्लॉक संसाधन समन्वयक और ब्लॉक अकादमिक समन्वयक पहाड़गढ़ द्वारा की गई संयुक्त जांच में शासकीय प्राथमिक विद्यालय धोंधा निरीक्षण के समय बंद पाया गया, जिसके बाद चार शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

उल्‍लेखनीय है कि 14 अक्टूबर को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बीआरसी एवं बीएसी की टीम ने प्रातः 11:30 बजे विद्यालय का निरीक्षण किया। जांच के दौरान यह पाया गया कि विद्यालय में उस समय कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी उपस्थित नहीं था और विद्यालय का मुख्य द्वार बंद था। यह घटना प्रशासनिक दृष्टि से गंभीर मानी गई, क्योंकि शासकीय विद्यालयों में समय पर उपस्थिति और शिक्षण कार्य का संचालन अनिवार्य है।

चार शिक्षकों को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस

निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिक शिक्षक रामअवतार धाकड़, अवधेश राठौर, श्रीमती सीमा शाक्य और श्रीमती विनीता रावत को 22 अक्टूबर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। शिक्षकों को सात दिनों की अवधि में अपने प्रतिवाद (उत्तर) प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। निर्धारित अवधि समाप्त होने के बावजूद संबंधित शिक्षकों द्वारा कोई उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। इसे कर्तव्यों के प्रति घोर उदासीनता एवं लापरवाही के रूप में देखा गया। यह आचरण मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उपनियम 1, 2 एवं 3 का उल्लंघन माना गया, जो कदाचरण की श्रेणी में आता है।

मामले की रिपोर्ट जब जिलाधीश के संज्ञान में आई तो उन्होंने इसे गंभीर मानते हुए चारों शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर चारों शिक्षकों रामअवतार धाकड़, अवधेश राठौर, श्रीमती सीमा शाक्य, श्रीमती विनीता रावत के विरुद्ध दो वेतनवृद्धियाँ असंचयी प्रभाव से रोके जाने की सजा अधिरोपित की है। यह कार्रवाई मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के उपनियम 10 के तहत की गई है।

प्रशासन का सख्त संदेश

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी विद्यालयों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षकों को समय पर उपस्थिति, नियमित शिक्षण कार्य और विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। अधिकारियों ने कहा कि सरकारी सेवा में जवाबदेही और अनुशासन सर्वोपरि हैं, और जो भी कर्मचारी अपने दायित्वों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा