

अशोकनगर,13 नम्बर(Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश का अशोकनगर जिला प्राकृतिक वन संपदा से भरा हुआ है। यहां वन उपज के तौर पर प्राकृतिक वन संपदा में औषधीय जड़ी-बूटी के तौर पर बनी सामग्री आगामी माह भोपाल में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में दिखाई देंगी। जिसमें खास तौर पर यहां पैदा होने वाले महुआ जिसे अमूमन शराब बनाने के उपयोग में लाना बताया जाता है, पर इस बार महुआ के बने पौष्टिक लड्डू और बिस्किट अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में दिखाई देंगे। न केवल यहां की वन उपज से रोजगार के साधन बढ़ेंगे।
जिला वन अधिकारी प्रतिभा अहिरवार का कहना कि जिले में बंधन विकास केन्द्र के तहत चार केन्द्र अशोकनगर, मुंगावली, चंदेरी और ईसागढ़ में खुलना तय हुए हैं। जिनमें चंदेरी और ईसागढ़ के भवनों में अपनी दुकान, अपना गोदाम में स्व सहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जल्द ही यह प्रशिक्षण अशोकनगर और मुंगावली में भी शुरू होगा। प्रशिक्षण में वन उपज खोजना, उसे एकत्रित करना एवं उपयोग के लिए प्रक्रिया में लाना शामिल है।
उनका कहना है कि इसके तहत जिले के वन क्षेत्र में पैदा होने वाले महुआ, नागर मौथा, नीम खली और शहद के औषधीय गुणों के आधार पर इन्हें एकत्रित कर उपयोग में लाने हेतु 820 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
महुआ से बनेंगे लड्डू और बिस्किट
जिला वन अधिकारी प्रतिभा अहिरवार का कहना है कि बंधन विकास केन्द्रों पर प्रशिक्षण उपरांत महुआ के लड्डू और बिस्किट तैयार कर अंतर्राष्ट्रीय वन मेला में भोपाल भेजे जायेंगे। इसी प्रकार नागर मौथा और शहद को आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर एवं नीम खली को जैविक उत्पाद हेतु अंतर्राष्ट्रीय वन मेला में भोपाल भेजे जायेंगे। बताया गया कि स्व सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे इस प्रकार वन उपज से तैयार की जा रही सामग्री से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार