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अंता उपचुनाव: रिकॉर्ड मतदान के बाद अब सबकी निगाहें मतगणना पर

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जयपुर, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के बाद अब पूरे प्रदेश की निगाहें मतगणना पर टिकी हैं। इस चुनाव में मतदाताओं ने रिकॉर्ड उत्साह दिखाया और कुल 80.21 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के बाद सभी ईवीएम मशीनों को बारां स्थित राजकीय बॉयज पीजी कॉलेज के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा गया है, जहां चौबीसों घंटे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं ताकि मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी रहे।

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने बताया कि मतगणना 14 नवंबर को सुबह आरंभ होगी और इसे 20 राउंड में संपन्न कराया जाएगा। हर राउंड के लिए 14 टेबलें लगाई गई हैं तथा पूरी प्रक्रिया वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ होगी। मतगणना की शुरुआत पोस्टल बैलेट की गिनती से होगी। इसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती की जाएगी। सुरक्षा के लिए कॉलेज परिसर में तीन-स्तरीय व्यवस्था की गई है।

अंता सीट पर कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं। मुकाबला मुख्यतः तीन नेताओं के बीच माना जा रहा है। इनमें भाजपा के मोरपाल सुमन, कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा शामिल है। नरेश मीणा के मैदान में उतरने से चुनाव में दिलचस्प मोड़ आ गया है क्योंकि उन्होंने परंपरागत वोट बैंक के समीकरणों को प्रभावित किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मीणा समाज के मतों में विभाजन से परिणाम अप्रत्याशित दिशा में जा सकते हैं।

इस उपचुनाव में रिकॉर्ड मतदान ने सभी राजनीतिक दलों के लिए नए समीकरण खड़े कर दिए हैं। कुल 2,28,264 मतदाताओं में से 1,83,099 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 82.32, महिलाओं का 78 और तृतीय लिंग का 75 प्रतिशत रहा। अंता सीट भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई थी। बीस वर्ष पुराने एक आपराधिक मामले में सजा मिलने के कारण उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई। इसके चलते यह उपचुनाव कराया गया। इस उपचुनाव का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजनीतिक प्रभाव की परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। अंता झालावाड़ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जो वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह का राजनीतिक गढ़ माना जाता है।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस चुनाव में प्रमोद जैन भाया को उम्मीदवार बनाकर अपने वरिष्ठ नेताओं की एकजुटता का प्रदर्शन किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री टीकाराम जूली ने उनके समर्थन में प्रचार किया। अब सभी की निगाहें 14 नवंबर की मतगणना पर हैं, जब यह तय होगा कि अंता की जनता ने किसे अपना प्रतिनिधि चुना और किसके पक्ष में अपना जनादेश दिया।

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(Udaipur Kiran) / रोहित