
अशोकनगर,13 नम्बर(Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी जमीन रजिस्ट्री कराकर धोखाधड़ी की गई। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए गुरुवार को एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। यह सनसनीखेज मामला जिले के ईसागढ़ थाना क्षेत्र का है, जहाँ प्रशासनिक लापरवाही और अपराधियों की चालबाज़ी ने मिलकर न्याय व्यवस्था को चुनौती दी।
दरअसल, दिनांक 24 मई 2025 को पटवारी विक्रांत भोंसले, हल्का क्रमांक-11 ने एसडीएम ईसागढ़ को जांच प्रतिवेदन सौंपा था। प्रतिवेदन में खुलासा हुआ कि कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर मृत व्यक्ति सूका पुत्र हल्कू जाटव के नाम पर जमीन की बिक्री कर दी। जांच में सामने आया कि सूका जाटव की मृत्यु 15 अक्टूबर 2010 को ही हो चुकी थी, इसके बावजूद उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा कर फर्जी विक्रय पत्र (सेल डीड) संपादित कराया गया।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इस फर्जीवाड़े में कई लोग शामिल थे। इनमें मुख्य रूप से अजय प्रकाश लोधी (उप-पंजीयक, ईसागढ़), सुरेश रघुवंशी, भोलू उर्फ मोहित चतुर्वेदी, हिमांशु सोनी, दीप सिंह भील, सूर सिंह भील और एक अज्ञात व्यक्ति, जिसने खुद को सूका जाटव के रूप में प्रस्तुत किया, शामिल हैं। इन सभी पर धोखाधड़ी, कूटरचना और फर्जी रजिस्ट्री कराने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस संबंध में अपराध क्रमांक 189/25 दर्ज किया गया है, जिसमें धारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2) और 61 बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
पुलिस को जब इस मामले की जानकारी मिली तो मुखबिर की सूचना और तकनीकी साक्ष्यों का सहारा लिया गया। जांच में खुलासा हुआ कि मृत सूका जाटव के रूप में जिस व्यक्ति ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे, वह दरअसल सरदार पुत्र नवल सिंह भील, उम्र 52 वर्ष, निवासी ग्राम रायपुर, थाना म्याना, जिला गुना है। सूचना के आधार पर पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए आरोपित सरदार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश किया गया, जहाँ से दो दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की गई। रिमांड अवधि में पुलिस ने उससे गहन पूछताछ की और यह जानने की कोशिश की कि इस षड्यंत्र में कितने अन्य लोग शामिल हैं और किस स्तर तक यह फर्जीवाड़ा फैला हुआ है।
उल्लेखनीय है कि ईसागढ़ पुलिस की तत्परता और पटवारी द्वारा समय पर की गई शिकायत के कारण यह पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो पाया। प्रारंभिक जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि इस तरह की धोखाधड़ी का जाल जिले के अन्य हिस्सों में भी फैला हो सकता है। पुलिस अब इस संभावना पर भी जांच कर रही है कि क्या आरोपियों ने पहले भी मृत या अनुपस्थित व्यक्तियों के नाम पर ऐसी रजिस्ट्री कराई है। इस मामले ने राजस्व विभाग और पंजीयन कार्यालय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
ईसागढ़ थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपित सरदार सिंह से पूछताछ जारी है और अन्य सहयोगियों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने संबंधित दस्तावेज़, रजिस्ट्री रिकॉर्ड और आधार कार्ड जैसे सबूत जब्त कर लिए हैं। पूछताछ के बाद आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की तह तक पहुँचने के लिए विभागीय जांच भी कराई जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि एक मृत व्यक्ति के नाम पर इस तरह से रजिस्ट्री हो सकती है, तो आम नागरिकों की जमीनें भी असुरक्षित हैं। लोगों ने मांग की है कि जिले में सभी संदिग्ध रजिस्ट्री की दोबारा जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार