
जबलपुर, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । एमपी ट्रांसको के ‘शून्य दुर्घटना लक्ष्य’ को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कार्य करें। सभी अधिकारी जहां कार्य कर रहे हैं वहां छोटे-छोटे सुधार करें एवं कंपनी की उत्तरोत्तर प्रगति मे योगदान करें। कंपनी की भविष्य की चुनौतियों का सामना करने हेतु प्रतिस्पर्धी और सक्षम हो। यह कहना रहा मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी का। वे गुरुवार को पूर्वी क्षेत्र के मैदानी कार्यपालन अभियंताओं की समीक्षा बैठक ले रहे थे।
इस दौरान कंपनी मुख्यालय जबलपुर में उन्होंने मैदानी अभियंताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)की दिशा में स्वयं को तैयार और प्रशिक्षित करें, ताकि भविष्य की तकनीकियों, आवश्यकताओं के अनुरूप दक्षता विकसित हो सके। उन्होंने अभियंताओं से प्रोफेशनल नेटवर्किंग के माध्यम से सतत ज्ञानवृद्धि करने तथा ट्रांसमिशन लाइनों में कम ग्राउंड क्लीयरेंस की स्थिति की सूचना समय पर प्रशासन को देने तथा जनता को खतरे से आगाह करते हुए सूचना देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही आपने सुरक्षा उपकरणों की समीक्षा हेतु एक विशेष समिति गठित करने के निर्देश दिए।
प्रबंध संचालक ने कहा कि आगामी दो माह ट्रांसमिशन कंपनी के लिए चुनौती वाले हैं। इस दरमियान रबी सीजन के मद्देनजर बढ़ती बिजली की मांग से निपटने के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क की स्थिरता और विश्वसनीयता बनाए रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने ट्रांसमिशन लाइनों, सब स्टेशनों मे ट्रांसफार्मर लोडिंग और उनकी ट्रिपिंग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि समय पर प्रीवेंटिव मेंटिनेस किया जाए ताकि ब्रेकडाउन की स्थिति से बचा जा सके।
उन्होंने कहा कि फील्ड अधिकारियों के हमेशा सजग और सतर्क रहने से ही एमपी ट्रांसको में ट्रिपिंग कम हुई है और ब्रेकडाउन का समय कम किया जा सका है। बैठक में मैदानी कार्यपालन अधिकारियों ने सुरक्षा एवं कार्यप्रणाली मे सुधार के लिए किए जा रहे अपने प्रयासों को साझा किया। समीक्षा बैठक में मुख्यालय जबलपुर के वरिष्ठ अधिकारियों सहित पूर्व क्षेत्र के जबलपुर, सागर, सिवनी, सतना, कटनी, शहडोल, टीकमगढ़, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, रीवा, सिंगरौली और दमोह जिलों में कार्यरत लगभग 30 मैदानी अभियंता उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक