
उज्जैन, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उज्जैन में भैरव अष्टमी पर शहर में बुधवार को भैरव मंदिरों पर श्रद्धालुओं का दर्शन-पूजन हेतु तांता लगा रहा। काल भैरव एवं विक्रांत भैरव मंदिर में खासी भीड़ उमड़ी। गुरूवार अपरांह काल भैरव मंदिर से भगवान महाकाल के सेनाति की सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। वहीं सिंहपुरी से आताल-पातल भैरव की सवारी धूमधाम से निकलेगी।
बुधवार प्रात: काल भैरव मंदिर में भगवान को भगवान का पूजन कर आकर्षक श्रृंगार किया गया। सुबह से रात्रि तक भक्तों द्वारा दर्शन का सिलसिला चलता रहा। पुजारी ओमप्रकाश चतुर्वेदी के अनुसार बुधवार रात्रि में शासकीय खजाने से रियासतकालीन आभूषण लाकर भगवान को धारण करवाए गए और जन्मोत्सव आरती सम्पन्न हुई। उन्होंने बताया कि गुरूवार को शासकीय पूजा के बाद भगवान को नई पगड़ी धारण करवाई जाएगी। पश्चात अपरांह 4 बजे गार्ड ऑफ ऑनर के बाद भगवान काल भैरव,जोकि महाकाल के सेनापति हैं, पालकी में विराजकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी भैरवगढ़ क्षेत्र में भ्रमण कर शिप्रा तट स्थित सिद्धवट पहुंचेगी। यहां पूजन पश्चात पालकी पुन: मंदिर के लिए रवाना होगी।
वीरभद्र की महाआरती सम्पन्न
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में कोटितीर्थ के समीप सभामण्डप स्थित वीरभद्र मंदिर में पुजारियों द्वारा महाआरती कर भगवान को भोग लगाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाआरती में शामिल हुए।
विक्रांत भैरव मंदिर में हुआ हवन और अनुष्ठान
इसी प्रकार विक्रांत भैरव मंदिर में बुधवार सुबह पूजन पश्चात भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया गया। प्रात:कालीन आरती के बाद भगवान का रूद्राभिषेक होकर सुंदर काण्ड का पाठ हुआ। सायं 7 बजे से रामायण का पाठ प्रारंभ हुआ। रात्रि 9 बजे से भजन संध्या प्रारंभ हुई। रात्रि 10 बजे से हवन एवं अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। पश्चात महाआरती सम्पन्न होकर भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया। पुजारी चंद्रमोहन डबराल के अनुसार गुरूवार प्रात: पूजन,अभिषेक होकर उत्सव का समापन होगा।
आज निकली सिंहपुरी से सवारी
सिंहपुरी स्थित आताल-पातल भैरव मंदिर में बुधवार प्रात: भैरव भगवान का अभिषेक कर पूजन-श्रृंगार किया गया। पं.आदर्श जोशी ने बताया कि रात्रि 12 बजे भगवान की महाआरती कर जन्मोत्सव मनाया गया। गुरूवार सायं 6 बजे सिंहपुरी से भगवान की राजसी सवारी धूमधाम से निकलेगी। सायं 7 बजे कन्या एवं बटुक भोज होकर महोत्सव का समापन हुआ ।
56 भोग लगा कुचैरा भैरव को
पीपलीनाका स्थित कुचैरा भैरव मंदिर पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई। यहां बुधवार प्रात: भगवान का पूजन,अभिषेक होकर श्रृंगार किया गया। शा.पुजारी दुर्गा गेहलोत के अनुसार भगवान को चोला चढ़ाकर 56 भोग का नेवेद्य लगाया गया। सायंकाल में हनुमान चालिसा का पाठ किया गया। पश्चात 51 बटुकों ने भैरवाष्टक का पाठ किया। महाआरती के बाद प्रसादी वितरित की गई।
सुगंधित द्रव्य से किया अभिषेक
चक्रतीर्थ पर विराजीत बटुक भैरवनाथ मंदिर में बुधवार सुबह से रात्रि तक दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। यहां प्रात:काल सुगंधीत द्रव्यों एवं फलों के रस से भगवान का अभिषेक कर श्रृंगार किया गया। भगवान को स्वर्ण चोला चढ़ाया गया। वरूण तिवारी ने बताया कि सायंकाल में भगवान को 56 भोग लगाकर महाआरती की गई। पश्चात भण्डारा सम्पन्न हुआ।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल